भारत में उपभोक्ता बाजारों में “बड़े बदलाव” लाने के लिए डिजिटल-प्रथम, ऐप-प्रथम Gen Z पीढ़ी केंद्र में आ चुकी है। बर्नस्टीन की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस पीढ़ी ने त्वरित कॉमर्स डिलीवरी और डायरेक्ट-टू-कंज़्यूमर (D2C) ब्रांडों के उदय जैसे बदलावों को बढ़ावा दिया है।
ब्रांड्स अब इस डिजिटल-प्रथम, ऐप-प्रथम पीढ़ी के साथ गहरा जुड़ाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो सोशल मीडिया से लेकर राइड-हेलिंग और फूड डिलीवरी तक हर चीज़ के लिए ‘स्वाइप अप’ करती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय Gen Z, जो कि दुनिया में सबसे बड़ी है, डिजिटल युग में पैदा हुई है और ऑनलाइन शॉपिंग, काम और खाने में मुख्य भूमिका निभा रही है। Gen Z को 1996 से 2010 के बीच जन्मी पीढ़ी माना जाता है।
यह पीढ़ी वैश्विक जनसंख्या का 20 प्रतिशत और भारत की कुल जनसंख्या का लगभग 27 प्रतिशत हिस्सा बनाती है।
रिपोर्ट में Gen Z को “स्वाइप अप” पीढ़ी करार दिया गया है, क्योंकि यह सोशल मीडिया पर बहुत अधिक समय बिताती है। सोशल मीडिया, राइड-हेलिंग और फूड डिलीवरी के लिए Gen Z अक्सर ‘स्वाइप अप’ करती है। ‘इंडिया इंटरनेट’ पर बर्नस्टीन की रिपोर्ट के अनुसार, इस पीढ़ी की पसंद त्वरित कॉमर्स और D2C ब्रांडों की ओर बढ़ रही है। रिपोर्ट में कहा गया है, “हम उपभोग के ट्रेंड्स में बड़े बदलाव देख रहे हैं…शॉर्ट-फॉर्म कंटेंट (इंस्टाग्राम, यूट्यूब शॉर्ट्स) का प्रसार…15-20 मिनट में डिलीवरी (ब्लिंकिट, जेप्टो)…D2C ब्रांड्स का उदय…फूड डिलीवरी ऐप्स (जोमाटो, स्विगी) के माध्यम से नए खाद्य विकल्पों की खोज।”
ऐसा लगता है कि ब्रांड्स अब Gen Z के साथ गहरा कनेक्शन बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
भारत की कुल खपत में Gen Z का योगदान लगभग 17 प्रतिशत है, और इनकी उपभोक्ता शक्ति के कारण नए डिजिटल-प्रथम ब्रांड्स तेजी से उभर रहे हैं।
बर्नस्टीन की रिपोर्ट के अनुसार, Gen Z ने न केवल ‘मोबाइल-प्रथम’ बल्कि ‘ऐप-प्रथम’ स्वाइप अप पीढ़ी का रूप ले लिया है। स्मार्टफोन पर बिताया जाने वाला समय 60 प्रतिशत तक बढ़ गया है।
Gen Z के उपभोक्ता व्यवहार ने इंटरनेट उपयोग के मामलों को आगे बढ़ाने में मदद की है, जिससे ऐप इकोसिस्टम में मासिक और दैनिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं (MAU/DAU) की वृद्धि हो रही है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पारंपरिक FMCG की तुलना में D2C ब्रांड्स तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसमें Gen Z की खरीदारी शक्ति का प्रमुख योगदान है। सोशल मीडिया के माध्यम से D2C ब्रांड्स, Gen Z ग्राहकों को तेजी से लक्षित करने में सक्षम रहे हैं।
भारत, मेटा (फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, एफबी मैसेंजर) के ऐप ब्रह्मांड का सबसे बड़ा बाज़ार है। साथ ही, ब्लिंकिट और जेप्टो जैसी त्वरित कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स, डिजिटल-प्रथम ब्रांड्स को Gen Z ग्राहकों तक तेजी से पहुँचाने में सक्षम बना रहे हैं।
रिपोर्ट ने बताया कि उपभोक्ता व्यवहार, पसंद और अपनाने की प्रक्रिया Gen Z, मिलेनियल्स और Gen X के बीच अलग-अलग है।
Gen Z की पसंद ऐप-प्रथम, डिजिटल-प्रथम श्रेणियों में अधिक है, जिसमें त्वरित कॉमर्स, फूड डिलीवरी, शॉर्ट-फॉर्म वीडियो, एडटेक, एथलीज़र, को-लिविंग और नए युग के D2C ब्रांड शामिल हैं। यह मिलेनियल्स से अलग है, जो ई-कॉमर्स, मल्टीप्लेक्स, ओटीटी, कैज़ुअल वियर और किराए पर लेने जैसी श्रेणियों को प्राथमिकता देते हैं। Gen X पीढ़ी अधिकतर ऑफलाइन रिटेल, मॉल्स, किराने की दुकानों, ऑफिस वियर, बॉलीवुड फिल्में देखने और घर/रियल एस्टेट खरीदने को प्राथमिकता देती है। वहीं, बेबी बूमर पीढ़ी पारंपरिक भोजन, पारंपरिक वस्त्रों और बचत की ओर अधिक झुकी हुई है।
D2C ब्रांड्स अब ग्राहक की विशिष्ट आवश्यकताओं की पहचान, विपणन, तकनीक और संचालन के माध्यम से अपने उत्पादों को अलग कर रहे हैं। कई अछूते निचे क्षेत्रों ने D2C ब्रांड्स के लिए भारत में उभरने का एक अनूठा अवसर प्रस्तुत किया है।