बॉम्बे हाई कोर्ट ने हाल ही में कहा है कि अगर नियोक्ता वेतन से काटे गए टैक्स (TDS) को जमा करने में विफल रहता है, तो इसके लिए कर्मचारियों को सज़ा नहीं दी जा सकती।
“इस प्रावधान के पीछे उद्देश्य यह है कि जब टैक्स जमा करने का उत्तरदायित्व नियोक्ता का हो, और नियोक्ता इसमें चूक करे, तो ऐसे टैक्स की देयता कर्मचारियों पर नहीं थोपी जा सकती,” बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने हालिया आदेश में कहा।
याद दिला दें कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ (TCS) के कर्मचारियों को उनके TDS में असंगतियों के बारे में आयकर नोटिस प्राप्त हुए थे। कई कर्मचारियों को यह नोटिस इस वजह से मिला क्योंकि उनके फॉर्म 26AS, वार्षिक सूचना विवरण (AIS) में दर्शाए गए TDS क्रेडिट और उनके द्वारा दाखिल किए गए आयकर रिटर्न में दावा की गई राशि में असंगति पाई गई।
अब सवाल यह है कि उन कर्मचारियों पर इसका क्या असर पड़ता है, जिनका आयकर TDS के रूप में काटा जाता है और जिसे नियोक्ता द्वारा आयकर विभाग में जमा किया जाना चाहिए।
Form 26AS देखने के लिए कदम:
- यदि आप एक कर्मचारी हैं, तो आप फॉर्म 26AS पर जाकर यह जांच सकते हैं कि आपके वेतन से काटा गया टैक्स जमा हो रहा है या नहीं। यह मासिक आधार पर टैक्स कटौती दिखाता है।
- वर्ष के दौरान भी, आप अपनी वार्षिक टैक्स स्टेटमेंट (या 26AS) में देख सकते हैं कि TDS काटा गया है या नहीं।
- Form 26AS देखने के लिए निम्नलिखित कदम उठाएं:
i) आयकर ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाएं।
ii) लॉगिन आईडी और पासवर्ड दर्ज कर वेबसाइट में लॉगिन करें।
iii) लॉगिन के बाद, ‘ई-फाइल’ मेन्यू में जाएं और ‘आयकर रिटर्न’ पर क्लिक करें। इसके बाद ड्रॉपडाउन मेन्यू से ‘View Form 26AS’ चुनें।
iv) यह आपको एक नई विंडो पर ले जाएगा, जहां ‘View Tax Credit (Form 26AS/Annual Tax Statement)’ पर क्लिक करें।
v) यहां आप देख सकते हैं कि आपके नियोक्ता द्वारा आयकर विभाग में टैक्स जमा किया गया है या नहीं।
दिल्ली की चार्टर्ड अकाउंटेंट और PD गुप्ता एंड कंपनी की पार्टनर, प्रतिभा गोयल कहती हैं, “कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नियोक्ता द्वारा काटा गया TDS उनके फॉर्म 26AS में परिलक्षित हो और उन्हें नियोक्ता से फॉर्म 16 मिल जाए। हालांकि, अगर नियोक्ता TDS काटता है और उसे जमा नहीं करता, तो आयकर विभाग ITR प्रोसेसिंग के दौरान उसका क्रेडिट नहीं देगा। ऐसी स्थिति में कर्मचारी को आयकर विभाग द्वारा जारी की गई मांग नोटिस का जवाब देने की आवश्यकता होती है और इसके लिए उन्हें वेतन पर्ची, बैंक एंट्रीज जैसी दस्तावेज़ी प्रमाण देने होते हैं।”
हाल के वर्षों में उच्च न्यायालयों ने ऐसे मामलों में कर्मचारियों के दावे का समर्थन किया है, जहां TDS काटा गया लेकिन जमा नहीं किया गया। आयकर निर्देश संख्या 275/29/2014 दिनांक 1 जून 2015 भी इस मामले में सहायक होता है, क्योंकि इसमें कहा गया है कि “कर्मचारियों को नियोक्ता द्वारा टैक्स जमा न करने की स्थिति में किसी असुविधा में नहीं डाला जाएगा।”