जीएसटी काउंसिल 21 दिसंबर को अपनी 55वीं बैठक में खाद्य डिलीवरी चार्ज पर जीएसटी में संभावित कटौती पर चर्चा करेगा। वर्तमान में 18% जीएसटी दर को फिटमेंट कमेटी की सिफारिशों को मंजूरी मिलने पर घटाकर मात्र 5% किया जा सकता है। यह परिवर्तन 1 जनवरी 2022 से प्रभावी होगा। हालांकि, ई-कॉमर्स ऑपरेटरों को इस घटित दर पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) प्राप्त नहीं होगा।
उद्योग पर प्रभाव
समानता की मांग के अनुरूप प्रस्ताव
खाद्य डिलीवरी चार्ज पर जीएसटी घटाने का प्रस्ताव इस उद्योग की मांग के अनुरूप है, जिसमें ई-कॉमर्स खाद्य डिलीवरी सेवाओं को रेस्तरां सेवाओं के समान माना जाए। हाल ही में, जोमैटो को महाराष्ट्र में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST) अधिकारियों द्वारा जीएसटी नोटिस जारी किया गया था, जिसमें 29 अक्टूबर 2019 से 31 मार्च 2022 तक डिलीवरी चार्ज पर जीएसटी का भुगतान न करने के कारण ₹803 करोड़ का दावा किया गया था। यदि जीएसटी प्रस्ताव मंजूर होता है, तो जोमैटो को उस अवधि के अंतिम तीन महीनों के लिए कर राहत मिल सकती है।
विशेषज्ञ की राय
कर में कमी से ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर बोझ बढ़ सकता है
विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही 5% जीएसटी दर बिना ITC के उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद प्रतीत हो, यह ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर कर बोझ को और बढ़ा सकता है। एक विशेषज्ञ ने कहा, “कुछ ऑपरेटरों के लिए 5% पर बिना ITC के कुल कर भुगतान, 18% के साथ ITC पाने से भी अधिक हो सकता है।” इस निर्णय का उपभोक्ताओं, ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों और सरकार पर प्रभाव तब तक स्पष्ट नहीं होगा जब तक प्रस्ताव को जीएसटी काउंसिल द्वारा औपचारिक रूप से मंजूरी या अस्वीकृत नहीं किया जाता।