क्रेडिट कार्ड और व्यक्तिगत ऋण जैसी सुविधाएँ विभिन्न वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक होती हैं। चाहे बड़ा ख़रीदारी करना हो, घर का नवीनीकरण हो या एक लम्बे समय से रुकी छुट्टी का सपना पूरा करना हो, अधिकांश बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (NBFCs) विभिन्न क्रेडिट स्कोर के आधार पर विभिन्न ऋण साधन उपलब्ध कराते हैं। यदि आप नया क्रेडिट कार्ड या व्यक्तिगत ऋण लेने की योजना बना रहे हैं, तो उच्च क्रेडिट स्कोर त्वरित स्वीकृति में सहायक हो सकता है।
हालांकि, क्रेडिट स्कोर में कमी आने के कई कारण होते हैं, और इनमें सबसे घातक कारणों में से एक है समय पर भुगतान में चूक। क्रेडिट कार्ड के भुगतान या ऋण की ईएमआई न चुकाने पर क्रेडिट स्कोर गिर सकता है। लेकिन कुछ आसान तरीकों को अपनाकर आप क्रेडिट स्कोर सुधार सकते हैं, भले ही आप डिफ़ॉल्ट में आ चुके हों।
क्रेडिट स्कोर क्या है?
क्रेडिट स्कोर एक तीन अंकों का नंबर है जो किसी व्यक्ति की ऋण लेने की योग्यता का संकेत देता है। उच्च क्रेडिट स्कोर होने से आपके ऋण आवेदन की स्वीकृति की संभावना बढ़ जाती है, साथ ही आपको कम ब्याज दर पर ऋण मिलने में भी मदद मिल सकती है। क्रेडिट स्कोर मुख्यतः आपके पूर्व ऋणों और क्रेडिट कार्ड की देयताओं के भुगतान के इतिहास, ऋण प्रकार और क्रेडिट सुविधाओं के उपयोग पर आधारित होता है।
कौन जारी करता है क्रेडिट स्कोर?
भारत में क्रेडिट स्कोर क्रेडिट ब्यूरो द्वारा जारी किया जाता है। वर्तमान में भारत में चार क्रेडिट ब्यूरो संचालित हैं: ट्रांसयूनियन CIBIL, एक्सपेरियन, इक्विफ़ैक्स और CRIF हाई मार्क। ये क्रेडिट ब्यूरो भारतीय रिज़र्व बैंक की गाइडलाइन्स के अनुसार काम करते हैं। ये ब्यूरो किसी व्यक्ति के क्रेडिट इतिहास के आधार पर क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट बनाते हैं। बैंक और NBFCs इन रिपोर्ट्स का उपयोग करते हैं ताकि ऋण आवेदक की क्रेडिट योग्यता का आकलन किया जा सके।
क्रेडिट स्कोर कैसे चेक करें?
आप कई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और क्रेडिट ब्यूरो की आधिकारिक वेबसाइट्स पर जाकर निःशुल्क अपना क्रेडिट स्कोर देख सकते हैं। क्रेडिट रिपोर्ट को नियमित रूप से चेक करना न केवल क्रेडिट स्कोर सुधारने में सहायक हो सकता है, बल्कि इसे उच्च बनाए रखने में भी मदद करता है।
क्रेडिट स्कोर रेंज
जब आपको अपना क्रेडिट स्कोर मिल जाए, तो यह समझना भी ज़रूरी है कि यह तीन अंकों की संख्या क्या दर्शाती है। क्रेडिट स्कोर रेंज 0 से 900 के पैमाने पर आधारित होता है। सामान्यतः, उच्च स्कोर को अच्छा क्रेडिट स्कोर माना जाता है।
- 300 से कम: कोई स्कोर या क्रेडिट इतिहास नहीं है। बेहतर ऑफर्स पाने के लिए अपना स्कोर बनाना शुरू करें।
- 300-550: यह रेंज एक बहुत ही निम्न क्रेडिट स्कोर दर्शाती है, जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को नुकसान पहुंचाती है। अपनी रिपोर्ट चेक करें और सुधारात्मक कदम उठाएँ।
- 551-620: यह भी निम्न स्कोर है, जो अच्छे क्रेडिट व्यवहार को प्रदर्शित नहीं करता। इसमें सुधार आवश्यक है।
- 621-700: यह औसत क्रेडिट स्कोर दर्शाता है। इसे बेहतर ऑफर्स के लिए और सुधारें।
- 701-759: यह अच्छा स्कोर है, जो उत्तरदायी क्रेडिट उपयोग को दर्शाता है। अधिकांश ऋणदाता आपके आवेदन को सकारात्मक रूप से देखेंगे।
- 760+: यह उत्कृष्ट क्रेडिट स्कोर है, जो आपके शानदार ट्रैक रिकॉर्ड को दिखाता है। आपके लिए सबसे अच्छे ऋण ऑफर्स मिलने की संभावना रहती है।
(ऊपर उल्लिखित क्रेडिट स्कोर रेंज केवल संकेतक है और ब्यूरो के अनुसार भिन्न हो सकती है)
ऋण डिफ़ॉल्ट का क्रेडिट स्कोर पर असर
यदि कोई निर्धारित ऋण चुकौती 90 दिनों के भीतर नहीं की जाती है, तो वह डिफ़ॉल्ट मानी जाती है। कोई भी डिफ़ॉल्ट आपके क्रेडिट रिपोर्ट में नकारात्मक प्रविष्टि को जोड़ देता है और यह सात वर्षों तक वहाँ रहती है, जिससे क्रेडिट स्कोर दीर्घकालिक रूप से प्रभावित होता है।
लेकिन यहाँ सवाल उठता है कि क्या सभी ऋणदाताओं के पास अपने ग्राहकों की मदद करने के लिए पर्याप्त योजना है? जो लोग पहले से ही वित्तीय संकट में हैं, उनके लिए हर ऋणदाता लचीला रुख नहीं अपनाता। ऐसे में, क्या यह उचित नहीं होगा कि ऋणदाताओं का भी कोई जवाबदेही सुनिश्चित की जाए?
डिफ़ॉल्ट के बाद क्रेडिट स्कोर सुधारने के उपाय
हालांकि, डिफ़ॉल्ट से बचने की सलाह दी जाती है, लेकिन कभी-कभी आर्थिक कठिनाई, नौकरी का नुकसान और प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं के कारण लोग इस स्थिति में आ जाते हैं। फिर भी, कुछ आसान तरीकों को अपनाकर आप डिफ़ॉल्ट के बाद भी अपने क्रेडिट स्कोर में सुधार कर सकते हैं:
- बकाया ऋण का भुगतान करें: यदि आपको डिफ़ॉल्टर के रूप में चिह्नित किया गया है, तो अपने ऋणदाता से संपर्क करें और ऋण को समाप्त करने का प्रस्ताव रखें। इसके बाद क्रेडिट ब्यूरो से संपर्क कर अपनी स्थिति को अपडेट करें।
- ऋणदाता से एनओसी प्राप्त करें: बकाया भुगतान के बाद एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) लेना न भूलें, ताकि यह साबित हो सके कि आपका ऋणदाता के पास कोई शेष राशि नहीं बची है।
- क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें: अपनी क्रेडिट रिपोर्ट में किसी भी त्रुटि के लिए इसे चेक करें। किसी भी गलती के लिए संबंधित क्रेडिट एजेंसी के पास शिकायत दर्ज करें।
- सकारात्मक कदम उठाएँ: समय पर मासिक किस्तों और क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करना आपके क्रेडिट स्कोर को बढ़ा सकता है। मौजूदा ऋणों को चुकाना भी सहायक हो सकता है।
- क्रेडिट उपयोग अनुपात कम रखें: अपनी क्रेडिट सीमा के 30% से कम का उपयोग करना उचित है। अधिक क्रेडिट पूछताछ से बचें और स्थिर वित्तीय स्थिति प्राप्त करने के बाद छोटे ऋणों के लिए आवेदन करें।
निष्कर्ष
ऋण में डिफ़ॉल्ट एक अस्थायी समस्या है जिसे वित्तीय अनुशासन के साथ संबोधित किया जा सकता है। सही आर्थिक प्रबंधन और उधार घटाने की प्रतिबद्धता के साथ आप डिफ़ॉल्ट के बाद भी अपने क्रेडिट स्कोर को सुधार सकते हैं।