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Saturday, November 16, 2024
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भारत में प्राकृतिक गैस उत्पादन में गिरावट, उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है दबाव

भारत में प्राकृतिक गैस का घरेलू उत्पादन सरकार के खोज और उत्पादन (E&P) प्रयासों के बावजूद स्थिर बना हुआ है, जिससे देश के गैस उद्योगों और उपभोक्ताओं पर असर पड़ रहा है।

आइए जानते हैं कि कम घरेलू उत्पादन का गैस उद्योगों और उपभोक्ताओं पर क्या प्रभाव पड़ रहा है।

घरेलू प्राकृतिक गैस उत्पादन की स्थिति क्या है?

वित्तीय वर्ष 2024-25 के पहले छह महीनों में भारत का प्राकृतिक गैस घरेलू उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में केवल 1.6 प्रतिशत बढ़ा। देश में अब तक का प्राकृतिक गैस उत्पादन घरेलू खपत के अनुरूप नहीं रहा है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में सितंबर 2024 तक कुल प्राकृतिक गैस उत्पादन 18,160 मिलियन मीट्रिक स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर (MMSCM) रहा। जबकि इसी अवधि में कुल खपत पिछले वर्ष की तुलना में 11.9 प्रतिशत अधिक 36,850 MMSCM दर्ज की गई।

शहर गैस वितरण कंपनियों पर इसका क्या असर पड़ा है?

घरेलू उत्पादन और खपत के बीच के अंतर ने सरकार को देश की शहर गैस वितरण (CGD) कंपनियों के लिए सस्ती गैस आवंटन में कटौती करने के लिए मजबूर कर दिया है।

17 अक्टूबर को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (MOPNG) ने संपीड़ित प्राकृतिक गैस (CNG) के लिए भारत की CGD कंपनियों के लिए प्रशासनिक मूल्य तंत्र (APM) गैस आवंटन को पिछले औसत तिमाही आवंटन की तुलना में 20 प्रतिशत घटा दिया।

घटते घरेलू गैस उत्पादन के बीच, CGD कंपनियों ने बताया है कि APM गैस की उपलब्धता में गिरावट आ रही है, जिससे उनके लाभांश पर असर पड़ रहा है। Mahanagar Gas के प्रबंध निदेशक अशु शिंघल ने अगस्त में बताया था कि वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में कंपनी को APM गैस की आपूर्ति पिछले वर्ष के 80-85 प्रतिशत से घटकर 60 प्रतिशत रह गई है।

मुंबई स्थित इस कंपनी के मुनाफे पर वित्तीय वर्ष 2025 की पहली तिमाही में अधिक खरीद लागत का असर पड़ा।

APM गैस को CGD कंपनियों को सस्ती दर पर बेचा जाता है ताकि घरेलू पाइप्ड प्राकृतिक गैस (PNG) और CNG जैसी आवश्यक सेवाओं को कम कीमतों पर गैस मिल सके। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, APM गैस की कीमत $6.5 प्रति mmBtu (मिलियन मीट्रिक ब्रिटिश थर्मल यूनिट) है जबकि HPHT गैस की कीमत $10.16 प्रति mmBtu है। अब APM गैस आवंटन में कटौती के कारण कंपनियों को अधिक महंगी HPHT गैस या तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) से इसकी भरपाई करनी होगी, जिससे CNG की कीमतें उपभोक्ताओं के लिए बढ़ सकती हैं।

गैस आयात पर क्या असर पड़ा है?

भारत सरकार देश की ऊर्जा टोकरी में प्राकृतिक गैस का हिस्सा 15 प्रतिशत तक बढ़ाने का इरादा रखती है, जबकि वर्तमान में यह केवल 6 प्रतिशत है।

घरेलू उत्पादन स्थिर बने रहने के कारण LNG पर निर्भरता बढ़ गई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के पहले छह महीनों में कुल LNG आयात 18,975 MMSCM रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 23.1 प्रतिशत अधिक है।

सितंबर में, प्राकृतिक गैस का कुल उत्पादन 2,977 MMSCM रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 1.6 प्रतिशत कम था, जबकि गैस की खपत महीने में 5 प्रतिशत बढ़ गई।

भारत अपनी घरेलू प्राकृतिक गैस आवश्यकताओं के लिए 50 प्रतिशत तक आयात पर निर्भर है। देश में बढ़ती गैस खपत आयात पर निर्भरता को और भी बढ़ा सकती है।

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के अनुसार, 2024 में भारत की प्राकृतिक गैस खपत 8.5 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है, जो पहले 7 प्रतिशत थी, जिसका कारण बिजली और औद्योगिक क्षेत्रों से बढ़ती मांग है।

Kavita Mishra
Kavita Mishrahttps://hindi.inventiva.co.in/
Kavita is a versatile content writer with a deep passion for news. Based in New Delhi, she has a keen interest in exploring the latest trends in the world of current affairs and delivering engaging content to her audience. Kavita has extensive experience working with Inventiva, where she honed her skills in content creation and developed a strong foundation in delivering high-quality, informative articles.
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