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Sunday, December 22, 2024
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म्यूचुअल फंड्स में निवेश: क्या होता है जब स्कीम बंद हो जाती है?

म्यूचुअल फंड्स में निवेश समय के साथ संपत्ति बढ़ाने का एक लोकप्रिय तरीका है। म्यूचुअल फंड्स कई निवेशकों से पैसे एकत्र करके उन्हें स्टॉक्स, बॉंड्स और अन्य सिक्योरिटीज जैसे विविध परिसंपत्तियों में निवेश करते हैं।

हालांकि, कभी-कभी म्यूचुअल फंड स्कीम को बंद या समाप्त किया जा सकता है। यह विभिन्न कारणों से हो सकता है, जैसे खराब प्रदर्शन, अपर्याप्त संपत्ति, या फंड मैनेजर या नियामक प्राधिकरण द्वारा रणनीतिक निर्णय के तहत फंड का बंद होना।
यहां म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने और समझने के बारे में एक मार्गदर्शिका है, और जब म्यूचुअल फंड स्कीम बंद हो जाती है तो आपके निवेश का क्या होता है।

म्यूचुअल फंड्स क्या होते हैं?

म्यूचुअल फंड्स पेशेवर फंड मैनेजरों द्वारा प्रबंधित किए जाते हैं, जो निवेशकों की ओर से निवेश निर्णय लेते हैं। म्यूचुअल फंड्स के मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं:

  1. इक्विटी म्यूचुअल फंड्स: यह मुख्य रूप से स्टॉक्स में निवेश करते हैं। ये उच्च जोखिम वाले होते हैं लेकिन उच्च लाभ की संभावना प्रदान करते हैं।
  2. डेब्ट म्यूचुअल फंड्स: यह बॉंड्स और अन्य निश्चित आय उपकरणों में निवेश करते हैं। ये कम जोखिम वाले होते हैं और नियमित आय प्रदान करते हैं।
  3. हाइब्रिड फंड्स: यह इक्विटी और डेब्ट का मिश्रण होते हैं, जो जोखिम और लाभ के बीच संतुलन प्रदान करते हैं।
  4. इंडेक्स फंड्स: यह किसी विशिष्ट इंडेक्स, जैसे Nifty 50 या Sensex को ट्रैक करते हैं और इसके प्रदर्शन को दोहराने का लक्ष्य रखते हैं।
  5. सेक्टरल/थीमेटिक फंड्स: यह विशिष्ट क्षेत्रों जैसे टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य देखभाल आदि में निवेश करते हैं।

म्यूचुअल फंड्स में कैसे निवेश करें?

A. डायरेक्ट निवेश:

  1. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स: आप सीधे फंड हाउस की वेबसाइट या निवेश प्लेटफॉर्म्स जैसे Groww, Zerodha, या Angel One के माध्यम से निवेश कर सकते हैं।
  2. KYC अनुपालन: निवेश करने से पहले आपको KYC (जानिए अपना ग्राहक) प्रक्रिया पूरी करनी होती है। यह ऑनलाइन eKYC (आधार और पैन विवरण का उपयोग करके) द्वारा किया जा सकता है।
  3. SIP (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान): SIP के माध्यम से आप नियमित रूप से (मासिक या त्रैमासिक) एक निश्चित राशि निवेश कर सकते हैं। यह दीर्घकालिक संपत्ति संचय के लिए आदर्श तरीका है और रूपये की औसत लागत का लाभ उठाता है।
  4. लंप-सम निवेश: आप म्यूचुअल फंड में एक बार में एक बड़ी राशि निवेश कर सकते हैं। यह उन निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प है जिनके पास बड़ी राशि होती है और वे एक बार में निवेश करना चाहते हैं।

B. ब्रोकर या वितरक के माध्यम से:

आप म्यूचुअल फंड वितरकों, वित्तीय योजनाकारों या ब्रोकरों के माध्यम से भी निवेश कर सकते हैं, जो सलाह प्रदान करते हैं और फंड्स का चयन करने में मदद करते हैं।

म्यूचुअल फंड निवेश विधियों के प्रकार:

  1. SIP: एक निश्चित राशि नियमित रूप से निवेश करें। यह निवेश करने का एक अनुशासित तरीका है और संकलन की शक्ति से लाभ उठाता है।
  2. लंप-सम निवेश: एकमुश्त राशि निवेश करें। यह उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जिनके पास एक बार में निवेश करने के लिए बड़ी रकम हो।
  3. SWP (सिस्टमेटिक विद्रॉल प्लान): यह आपको म्यूचुअल फंड निवेश से नियमित रूप से (मासिक या त्रैमासिक) एक निश्चित राशि निकालने की अनुमति देता है। यह अक्सर रिटायर होने वाले व्यक्तियों या नियमित आय की तलाश करने वाले व्यक्तियों द्वारा उपयोग किया जाता है।
  4. STP (सिस्टमेटिक ट्रांसफर प्लान): यह आपको एक म्यूचुअल फंड स्कीम से दूसरी स्कीम में पैसे स्थानांतरित करने की अनुमति देता है, जो उसी फंड हाउस के अंतर्गत होती है।

म्यूचुअल फंड्स में निवेश शुरू करने के कदम:

  1. फंड चुनें: अपनी जोखिम सहिष्णुता, निवेश लक्ष्य और निवेश अवधि के आधार पर एक फंड चुनें।
    • पिछले प्रदर्शन को ध्यान में रखें (हालांकि यह भविष्य के लाभ का संकेत नहीं है)।
    • म्यूचुअल फंड का प्रकार (इक्विटी, डेब्ट, हाइब्रिड)।
    • खर्च अनुपात (कम खर्च अनुपात बेहतर होता है क्योंकि यह आपके निवेश की लागत को कम करता है)।
  2. KYC पूरा करें: अपने फंड हाउस या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से KYC प्रक्रिया पूरी करें।
  3. निवेश राशि चुनें: तय करें कि आप कितनी राशि निवेश करना चाहते हैं, चाहे वह लंप-सम हो या SIP के माध्यम से।
  4. निवेश की निगरानी करें: अपने म्यूचुअल फंड निवेशों का नियमित रूप से प्रदर्शन ट्रैक करें और आवश्यकतानुसार समायोजन करें।

म्यूचुअल फंड्स में निवेश के लाभ:

  1. विविधीकरण: म्यूचुअल फंड्स आपके निवेश को विभिन्न सिक्योरिटीज में फैलाते हैं, जिससे जोखिम कम होता है।
  2. पेशेवर प्रबंधन: फंड मैनेजर जिनके पास विशेषज्ञता होती है, वे आपके निवेशों का प्रबंधन करते हैं।
  3. तरलता: आप अपने म्यूचुअल फंड यूनिट्स को किसी भी समय (बंद-समाप्त फंड्स को छोड़कर) भुन सकते हैं।
  4. सस्ती शुरुआत: आप ₹500 के न्यूनतम SIP निवेश से शुरुआत कर सकते हैं।

म्यूचुअल फंड्स निवेश के जोखिम:

  1. बाजार जोखिम: इक्विटी म्यूचुअल फंड्स बाजार में उतार-चढ़ाव के अधीन होते हैं।
  2. ब्याज दर जोखिम: डेब्ट म्यूचुअल फंड्स ब्याज दरों में बदलाव से प्रभावित हो सकते हैं।
  3. तरलता जोखिम: कुछ म्यूचुअल फंड्स, विशेष रूप से बंद-समाप्त फंड्स, उतने तरल नहीं हो सकते।
  4. क्रेडिट जोखिम: डेब्ट फंड्स के लिए, यह संभावना हो सकती है कि जारीकर्ता डिफॉल्ट कर जाए।

सामान्य म्यूचुअल फंड शब्दावली:

  1. NAV (नेट एसेट वैल्यू): म्यूचुअल फंड्स की होल्डिंग्स की प्रति यूनिट मूल्य। यह प्रत्येक दिन सिक्योरिटीज के प्रदर्शन के आधार पर बदलता है।
  2. खर्च अनुपात: यह शुल्क है जो फंड आपके निवेश का प्रबंधन करने के लिए लेता है।
  3. AUM (एसेट्स अंडर मैनेजमेंट): म्यूचुअल फंड द्वारा प्रबंधित कुल संपत्ति का मूल्य।
  4. जोखिम प्रोफाइल: आपकी जोखिम सहिष्णुता को समझने से सही प्रकार के फंड का चयन करने में मदद मिलती है।

लोकप्रिय म्यूचुअल फंड प्लेटफॉर्म्स:

  1. डायरेक्ट निवेश: फंड हाउस की वेबसाइट जैसे HDFC म्यूचुअल फंड, ICICI प्रुडेंशियल आदि।
  2. तीसरी पार्टी प्लेटफॉर्म्स: Groww, Zerodha (Kite), Coin by Zerodha आदि।

यदि म्यूचुअल फंड स्कीम बंद हो जाती है, तो निवेशित पैसे का क्या होता है?

यदि कोई म्यूचुअल फंड स्कीम बंद हो जाती है, तो निवेशित पैसे का भुगतान निवेशकों को मौजूदा NAV के आधार पर किया जाता है, जिसमें सभी संबंधित खर्चों को घटा लिया जाता है। म्यूचुअल फंड निवेशकों को उनके अधीन यूनिट्स का मूल्य लौटाता है, जैसा कि यूनिट होल्डर्स रजिस्टर में दर्ज होता है। निवेशकों को बंद होने की प्रक्रिया पर एक विस्तृत रिपोर्ट भी प्राप्त होती है, जिसमें सभी आवश्यक जानकारी होती है।
म्यूचुअल फंड्स में निवेश वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने का एक बेहतरीन तरीका है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि आप अपनी जोखिम सहिष्णुता, वित्तीय लक्ष्यों और निवेश की अवधि के अनुसार सही फंड का चयन करें। हमेशा पूरी तरह से शोध करें, एक वित्तीय सलाहकार से सलाह लेने पर विचार करें, और अपने पोर्टफोलियो की नियमित निगरानी सुनिश्चित करें।

Kavita Mishra
Kavita Mishrahttps://hindi.inventiva.co.in/
Kavita is a versatile content writer with a deep passion for news. Based in New Delhi, she has a keen interest in exploring the latest trends in the world of current affairs and delivering engaging content to her audience. Kavita has extensive experience working with Inventiva, where she honed her skills in content creation and developed a strong foundation in delivering high-quality, informative articles.
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