स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक अब भारत के टॉप छह मेट्रो शहरों से आगे बढ़कर अन्य शहरों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। बैंक की यह नई पहल अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और राज्य की राजधानियों में रिलेशनशिप मैनेजरों की संख्या बढ़ाने पर आधारित है। इसके एमडी और हेड (अफ्लुएंट बैंकिंग और वितरण नेटवर्क) नितिन चेंगप्पा ने बताया कि इसका उद्देश्य सेवा विस्तार के साथ उच्च नेटवर्थ वाले ग्राहकों को भी विभिन्न उत्पाद और सेवाएं प्रदान करना है।
उन्होंने बताया, “हमारी लगभग 70% कमाई मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे छह बड़े मेट्रो शहरों से होती है, जबकि अन्य शहरों से 30% योगदान मिलता है। हालांकि, औद्योगिक विकास के कारण अन्य शहरों में वृद्धि दर मेट्रो शहरों की तुलना में कहीं अधिक है। इसलिए हम अपने संसाधनों का सही उपयोग कर इन शहरों में विकास के अवसरों का लाभ उठाना चाहते हैं, जहाँ उच्च नेटवर्थ ग्राहकों और अल्ट्रा हाई नेटवर्थ (UHNW) सेगमेंट के लिए उन्नत सेवाएं और निजी बैंकिंग उपलब्ध कराई जाएगी।” उन्होंने सोमवार को चेन्नई में एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी, जहाँ बैंक का दूसरा अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग सेंटर खोला गया है। यह दक्षिण भारत में स्टैंडर्ड चार्टर्ड का सबसे बड़ा शाखा केंद्र है।
बैंक अगले वर्ष जिन शहरों पर अपना ध्यान केंद्रित करेगा उनमें अहमदाबाद, भुवनेश्वर, चंडीगढ़ और जयपुर शामिल हैं। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि निजी क्षेत्र का यह बैंक अपनी शाखाओं की संख्या में कोई वृद्धि नहीं कर रहा है और 2025 तक 19 राज्यों में फैली 100 शाखाओं के मौजूदा नेटवर्क के साथ ही काम करेगा।
उन्होंने आगे कहा, “हम नए शहरों में सेवाओं को अपग्रेड करते हुए और नए उत्पाद पेश करते हुए 120 रिलेशनशिप मैनेजर जोड़ रहे हैं, जिससे रिलेशनशिप मैनेजरों की कुल संख्या अगले एक वर्ष में 400 से बढ़कर 520 हो जाएगी।”