जीएसटी काउंसिल की आज अपनी 54वीं बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा की कराधान पर चर्चा करने की रिपोर्ट है। आंकड़े बताते हैं कि केंद्र और राज्यों के बीच 18% जीएसटी के माध्यम से भारी रकम एकत्र की जा रही है, जो कि सकल प्रीमियम राशि पर लगाया जाता है। इसके साथ ही, प्रीमियम में लगातार वार्षिक वृद्धि ने व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा कवर की वृद्धि को संकुचित कर दिया है, रिपोर्ट्स के अनुसार।
वित्तीय वर्ष 2023 में व्यक्तिगत पॉलिसियों के तहत कवर किए गए जीवन की संख्या 2.5% बढ़कर 52.8 मिलियन हो गई, लेकिन यह वित्तीय वर्ष 2021 के स्तर 53.1 मिलियन से कम है। जीवन और गैर-जीवन बीमा के तहत कुल प्रीमियम वित्तीय वर्ष 2021 में 8.3 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2023 में 10.4 लाख करोड़ रुपये हो गए हैं, लेकिन इसी अवधि में बीमा की पैठ 4% से घटकर 4.2% हो गई है।
वास्तव में, बीमा की पैठ पिछले 10 वर्षों से ठहर गई है। स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम वित्तीय वर्ष 2023 में 22% बढ़कर 89,492 करोड़ रुपये हो गया है, जो वित्तीय वर्ष 2022 में 73,052 करोड़ रुपये था। वास्तव में, बीमा की पैठ पिछले 10 वर्षों से ठहर गई है।