जीएसटी अधिनियम 2017 में संशोधन के जरिए हाल ही में जोड़ी गई धारा 11A का उपयोग ‘विरलतम मामलों’ में किया जाएगा ताकि पिछली तिथि से वस्तु और सेवा कर (GST) में राहत दी जा सके। जीएसटी काउंसिल की 9 सितंबर की बैठक के बाद राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने यह स्पष्ट किया।
मल्होत्रा ने कहा, “यह सामान्य धारा नहीं है जिसका इस्तेमाल अक्सर किया जाए। इसे केवल विरलतम मामलों में ही उपयोग किया जाना चाहिए। हम फिलहाल इस पर कोई परिपत्र जारी नहीं करना चाहते। 9 सितंबर की बैठक में इसके संबंध में कोई चर्चा नहीं हुई थी।”
हाल ही में संशोधित धारा 11A का उद्देश्य कारोबारों को पिछले समय के कर संबंधी कठोर मांगों से बचाना है। इससे खासतौर पर उन क्षेत्रों को राहत मिलने की उम्मीद है, जैसे रियल-मनी गेमिंग (RMG) उद्योग, जो 1 जुलाई 2017 (जब जीएसटी लागू हुआ था) से 31 मार्च 2023 के बीच के जीएसटी बकाया से जूझ रहा है।
काउंसिल की जून बैठक में धारा 11A को ऐसे कानूनी ढाल के रूप में प्रस्तावित किया गया था, जो इस तरह की मांगों से बचाव करेगा। हालांकि, मल्होत्रा ने जोर देकर कहा कि कानून के उपयोग और व्याख्या पर विस्तृत परिपत्र अभी भी लंबित है। यह परिपत्र, काउंसिल द्वारा अनुमोदित होने के बाद, धारा 11A को कैसे लागू किया जाए, इस पर मार्गदर्शन देगा।
पिछले दिसंबर में, केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने रिपोर्ट किया था कि ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को जीएसटी चोरी के आरोपों के तहत 71 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे, जिनमें 1.12 लाख करोड़ रुपये से अधिक की मांग की गई थी।
यह परिपत्र, जारी होने के बाद, व्यापारिक प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा, पुराने कर विवादों को सुलझाएगा और व्यापार करने में सुगमता लाएगा।