प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवॉल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (PM E-DRIVE) एक नई इलेक्ट्रिक वाहन (EV) सब्सिडी योजना है, जिसके तहत मार्च 2025 तक बिकने वाले प्रत्येक इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन पर ₹10,000 और इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों पर ₹50,000 की सब्सिडी दी जाएगी।
यह योजना इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों, इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों, ई-एम्बुलेंस, ई-ट्रक और अन्य उभरते हुए EVs के लिए लागू की गई है। हालांकि, अगले वित्तीय वर्ष में यह सब्सिडी आधी कर दी जाएगी। उदाहरण के लिए, अप्रैल 2025 से इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों पर सब्सिडी ₹25,000 रह जाएगी।
इस योजना का लक्ष्य मार्च 2026 तक इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए 10% और तिपहिया वाहनों के लिए 15% बाजार हिस्सेदारी हासिल करना है, यह जानकारी केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने गुरुवार, 12 सितंबर, 2024 को दी।
सरकार ने इलेक्ट्रिक कारों को योजना से बाहर क्यों रखा?
कुमारस्वामी ने कहा कि इलेक्ट्रिक कारों को पहले से ही 5% कम GST दर का लाभ मिलता है, इसलिए उन्हें योजना से बाहर रखा गया है।
PM E-DRIVE योजना किन प्रकार के वाहनों पर केंद्रित है?
यह योजना इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया, ई-एम्बुलेंस, ई-ट्रक और अन्य उभरते हुए EVs के लिए है। सरकार की योजना 24.79 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया, 3.16 लाख इलेक्ट्रिक तिपहिया और 14,028 ई-बसों का समर्थन करने की है।
सरकार ने 9 शहरों में राज्य परिवहन इकाइयों (STUs) और सार्वजनिक परिवहन एजेंसियों के लिए 14,028 ई-बसों की खरीद के लिए ₹4,391 करोड़ आवंटित किए हैं। ये शहर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, सूरत, बेंगलुरु, पुणे और हैदराबाद हैं, जहां पुराने वाहनों को हटाकर नए ई-बसों को प्राथमिकता दी जाएगी।
इसी प्रकार, ई-ट्रक के लिए ₹500 करोड़ का बजट रखा गया है, और इसमें उन वाहनों को प्रोत्साहन दिया जाएगा जिनके पास मान्यता प्राप्त वाहन स्क्रैपिंग केंद्र से स्क्रैपिंग प्रमाणपत्र होगा।
ई-एम्बुलेंस की तैनाती के लिए भी ₹500 करोड़ आवंटित किए गए हैं।
योजना के लिए कुल ₹10,900 करोड़ का बजट तय किया गया है, जो दो वर्षों की अवधि के लिए होगा।
PM E-DRIVE योजना EV इंफ्रास्ट्रक्चर में कैसे सुधार करती है?
योजना के तहत, इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों के लिए 22,100 फास्ट चार्जर, ई-बसों के लिए 1,800 फास्ट चार्जर और इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए 48,400 फास्ट चार्जर लगाने की योजना है। इस पर ₹2,000 करोड़ का खर्च अनुमानित है, जिससे EV खरीदारों की ‘रेंज एंग्जायटी’ दूर हो सकेगी।
साथ ही, भारी उद्योग मंत्रालय की परीक्षण एजेंसियों को आधुनिक बनाने के लिए ₹780 करोड़ का बजट भी रखा गया है।
PM E-DRIVE योजना के तहत प्रोत्साहन कैसे प्राप्त होंगे?
भारी उद्योग मंत्रालय ने PM E-DRIVE योजना के तहत मांग प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए EV खरीदारों के लिए ई-वाउचर जारी किए हैं। योजना पोर्टल खरीदार के आधार प्रमाणित ई-वाउचर को जनरेट करेगा और इसे पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजेगा।
खरीदार ई-वाउचर पर हस्ताक्षर कर इसे डीलर को प्रस्तुत करेंगे, जिसके बाद इसे PM E-DRIVE पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। हस्ताक्षरित ई-वाउचर को खरीदार और डीलर दोनों को एसएमएस के माध्यम से भेजा जाएगा।
नई PM E-DRIVE योजना क्यों शुरू की गई?
नई PM E-DRIVE योजना पिछले FAME चरणों में देखी गई कमियों को दूर करती है, जिनमें सबसे बड़ी कमी यह थी कि कंपनियां ज्यादातर आयातित वाहन बेचकर सब्सिडी का दावा कर रही थीं, जो मूल रूप से घरेलू रूप से उत्पादित EVs के लिए थी।
सरकार को इन गलत तरीके से प्राप्त फंडों की वसूली के लिए कार्रवाई करनी पड़ी।
एचडी कुमारस्वामी ने बताया कि जो कंपनियां गलत तरीके से प्राप्त सब्सिडी को अभी तक नहीं लौटा पाई हैं, उन्हें इस योजना में शामिल नहीं किया जाएगा।
भारी उद्योग सचिव कमरान रिज़वी ने बताया कि योजना के तहत हर छह महीने में प्रोडक्शन के अनुरूपता (COP) परीक्षण किए जाएंगे।