वस्तु एवं सेवा कर (GST) के अंतर्गत कर चोरी 2023-24 वित्तीय वर्ष में ₹2.01 लाख करोड़ तक पहुंच गई है, जो पिछले वित्तीय वर्ष ₹1.01 लाख करोड़ के मुकाबले लगभग दोगुनी हो गई है। यह जानकारी शनिवार को GST खुफिया महानिदेशालय (DGGI) द्वारा जारी आंकड़ों से सामने आई है। बढ़ती कर चोरी GST प्रवर्तन के सामने एक गंभीर चुनौती का संकेत दे रही है।
DGGI की रिपोर्ट के अनुसार, ऑनलाइन गेमिंग और बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं एवं बीमा (BFSI) क्षेत्र सबसे अधिक कर चोरी के मामलों में शामिल रहे। अकेले ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र में ही ₹81,875 करोड़ की कर चोरी सामने आई है, जबकि BFSI क्षेत्र में ₹18,961 करोड़ की चोरी दर्ज की गई। वस्तुओं के मामले में लोहे, तांबे, स्क्रैप और मिश्र धातुओं के क्षेत्रों में ₹16,806 करोड़ की चोरी हुई, जबकि पान मसाला, तंबाकू, सिगरेट और बीड़ी से जुड़े मामलों में ₹5,794 करोड़ की चोरी का खुलासा हुआ।
GST चोरी के मामले में मुंबई सबसे आगे रहा, जहां ₹70,985 करोड़ की कर चोरी पकड़ी गई। इसके बाद दिल्ली में ₹18,313 करोड़, पुणे में ₹17,328 करोड़, गुरुग्राम में ₹15,502 करोड़ और हैदराबाद में ₹11,081 करोड़ की चोरी दर्ज की गई।
वस्तुओं के मामले में लोहे, तांबे, स्क्रैप और मिश्र धातुओं के 1,976 मामलों में ₹16,806 करोड़ की चोरी पकड़ी गई। पान मसाला, तंबाकू, सिगरेट और बीड़ी के 212 मामलों में ₹5,794 करोड़ की चोरी सामने आई। अन्य उल्लेखनीय क्षेत्रों में प्लाइवुड, टिम्बर और कागज से जुड़े 238 मामलों में ₹1,196 करोड़ की कर चोरी पकड़ी गई, जबकि इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के 23 मामलों में ₹1,165 करोड़ की चोरी का खुलासा हुआ।
रिपोर्ट में बताया गया कि 2023-24 में GST चोरी के कुल 6,084 मामले सामने आए, जबकि पिछले साल 4,872 मामले दर्ज किए गए थे। इन मामलों में स्वेच्छा से किए गए भुगतानों की राशि ₹26,605 करोड़ रही, जो 4,520 मामलों में आई, जबकि पिछले साल यह ₹20,713 करोड़ थी, जो 3,683 मामलों से संबंधित थी।
GST चोरी के प्रकारों के विश्लेषण में पाया गया कि 46% मामलों में कर का भुगतान न करना, जिसमें गुप्त आपूर्ति और अंडरवैल्यूएशन शामिल हैं, प्रमुख था। इसके बाद फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (20%) और गलत ITC लाभ या अवैध क्रेडिट (19%) के मामले सामने आए।
कुल मिलाकर, DGGI और केंद्रीय GST क्षेत्रों द्वारा 2023-24 में कुल 20,576 मामलों में ₹2.37 लाख करोड़ की कर चोरी का खुलासा किया गया, जिसमें से DGGI द्वारा ₹2.01 लाख करोड़ और CGST क्षेत्रों द्वारा ₹35,377 करोड़ पकड़ा गया।
2017 में GST लागू होने के बाद से कर चोरी के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। 2017-18 में ₹7,879 करोड़, 2018-19 में ₹19,319 करोड़, 2019-20 में ₹21,739 करोड़, 2020-21 में ₹31,908 करोड़ और 2021-22 में ₹50,325 करोड़ की कर चोरी का खुलासा हुआ था।