भारत वित्तीय वर्ष 2030-31 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। एस एंड पी ग्लोबल द्वारा जारी की गई रिपोर्ट “इंडिया फॉरवर्ड: इमर्जिंग पर्सपेक्टिव्स” में यह दावा किया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत की वार्षिक वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो देश की मजबूत आर्थिक स्थिति का संकेत है।
एस एंड पी ग्लोबल ने यह भी जोर दिया है कि भारत की आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने के लिए सुधारों, आधारभूत संरचना के विकास, और उन्नत तकनीकों की आवश्यकता है। साथ ही, एजेंसी ने कुछ ऐसे उपाय भी सुझाए हैं, जो देश की आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि व्यापार लेनदेन और लॉजिस्टिक्स में सुधार के लिए सुधारों की निरंतरता बेहद आवश्यक है, ताकि निजी क्षेत्र के निवेश में तेजी आए और सार्वजनिक पूंजी पर निर्भरता कम हो सके।
इसके अलावा, भारतीय इक्विटी बाजार के भविष्य में मजबूत और प्रतिस्पर्धी बने रहने की उम्मीद जताई गई है, जिसका कारण देश की मजबूत वृद्धि की संभावनाएं और बेहतर नियम-कानून बताए गए हैं।
एस एंड पी ने यह भी उल्लेख किया कि जब से भारत प्रमुख उभरते बाजार सूचकांकों में शामिल हुआ है, तब से विदेशी पूंजी का प्रवाह सरकारी बांडों में काफी बढ़ गया है और आने वाले समय में इसके और बढ़ने की उम्मीद है।
रिपोर्ट ने सुझाव दिया है कि भारत को अपने व्यापार लाभ को अधिकतम करने के लिए बुनियादी ढांचे और भू-राजनीतिक रणनीतियों का विकास करना होगा, खासतौर पर अपनी विस्तृत समुद्री सीमा को लेकर। रिपोर्ट के अनुसार, भारत के लगभग 90 प्रतिशत व्यापार समुद्री होते हैं, इसलिए बढ़ते निर्यात और थोक वस्तुओं के आयात के लिए मजबूत बंदरगाह बुनियादी ढांचा आवश्यक है।
इसके साथ ही, देश में बढ़ती घरेलू ऊर्जा मांगों को पूरा करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा और कम-उत्सर्जन वाले ईंधनों जैसी स्थायी तकनीकों का विकास आवश्यक बताया गया है। इसके तहत ऊर्जा सुरक्षा और ऊर्जा संक्रमण योजनाओं के बीच संतुलन बनाए रखने की जरूरत है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि क्षेत्र को भी उन्नत तकनीकों और नई नीतियों की आवश्यकता है, ताकि बुनियादी ढांचे और उत्पादकता में सुधार हो सके। सिंचाई, भंडारण, और आपूर्ति वितरण जैसी प्रमुख बुनियादी ढांचा समस्याओं को हल करना आवश्यक है, ताकि खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित हो सके।
एस एंड पी ग्लोबल ने यह भी सुझाव दिया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग देश की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देगा और इसके जरिए भारत की डिजिटल बुनियादी ढांचे की सफलता को दोहराने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी के अवसर मिल सकते हैं।
वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान भारत की GDP ने 8.2 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की है, जो इसे सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनाए रखती है। 2022-23 में 7.2 प्रतिशत और 2021-22 में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।
कई वैश्विक रेटिंग एजेंसियों और बहुपक्षीय संगठनों ने भी भारत के लिए अपनी वृद्धि के पूर्वानुमानों में सुधार किया है। जुलाई में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत की 2024 की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दी, जिससे भारत उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है।
आईएमएफ ने पहले 2024 के लिए 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया था, जिसे बाद में 6.8 प्रतिशत और फिर 7 प्रतिशत किया गया। आईएमएफ ने इसके पीछे घरेलू मांग में मजबूती और कामकाजी आयु की बढ़ती जनसंख्या को इस वृद्धि का कारण बताया है।