त्योहारी सीजन के दौरान महंगाई की बढ़ती चिंताओं के बीच, सरकार ने देशवासियों को आश्वस्त किया है कि गेहूं, चावल, चीनी और खाद्य तेल जैसी आवश्यक वस्तुओं के दाम नहीं बढ़ाए जाएंगे। यह घोषणा उन घरों के लिए राहत की खबर है जो इन मुख्य खाद्य पदार्थों पर निर्भर हैं, खासकर जब त्योहारी मौसम नजदीक है।
खाद्य तेल और गेहूं की कीमतों पर नजर
हाल ही में खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ने के कारण कीमतों में संभावित वृद्धि को लेकर चिंता जताई जा रही थी। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि 30 लाख टन खाद्य तेल पहले ही शुल्क-मुक्त आयात किया जा चुका है, जिससे कीमतों में स्थिरता बनी रहेगी। इसके अलावा, कंपनियों को तेल के दाम न बढ़ाने की हिदायत दी गई है। गेहूं के मामले में सरकार ने भरोसा दिलाया है कि व्यापारियों के पास 10 मिलियन टन का मौजूदा भंडार है, जिससे कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा, और अतिरिक्त गेहूं जारी करने की कोई योजना नहीं है।
कीमतों को काबू में रखने के लिए सरकारी उपाय
उपभोक्ताओं को और अधिक सुरक्षित रखने के लिए, खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने घोषणा की है कि वह इन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और मूल्य निर्धारण पर नजर रखेगा, ताकि त्योहारी सीजन के दौरान कीमतों में उछाल को रोका जा सके। पर्याप्त भंडार बनाए रखकर और बाजार की स्थितियों की निगरानी करके सरकार कीमतों को स्थिर रखने की उम्मीद कर रही है, चाहे महंगाई का दबाव हो।
सरकार ने सक्रिय कदम उठाते हुए आयात प्रबंधन और उद्योग के साथ सहयोग करते हुए यह सुनिश्चित करने की योजना बनाई है कि त्योहारी मौसम के दौरान आवश्यक वस्तुओं की लागत स्थिर रहे, जिससे परिवारों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ न पड़े।