प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क में तकनीकी उद्योग के प्रमुख नेताओं के साथ एक गोलमेज बैठक की, जिसकी मेजबानी मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT), स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग ने की। इस तकनीकी गोलमेज चर्चा में मुख्य रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम, बायोटेक्नोलॉजी और जीवन विज्ञान, कंप्यूटिंग, आईटी और संचार, तथा सेमीकंडक्टर तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
बैठक में शामिल सीईओ ने प्रधानमंत्री के साथ वैश्विक स्तर पर उभरते तकनीकी परिदृश्य पर गहन चर्चा की और यह बताया कि ये नवीनतम तकनीकें दुनिया भर में, विशेषकर भारत में, लोगों के जीवन को कैसे प्रभावित कर रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे तकनीकी नवाचार वैश्विक अर्थव्यवस्था और मानव विकास को नया रूप देने की क्षमता रखते हैं।
प्रधानमंत्री ने MIT स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग और इसके डीन के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने तकनीकी नेताओं को एक साथ लाने का कार्य किया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रौद्योगिकी सहयोग और ‘क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज इनिशिएटिव’ (ICET) जैसे प्रयास भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के केंद्र में हैं। प्रधानमंत्री ने अपने तीसरे कार्यकाल में भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के अपने संकल्प को दोहराया।
उन्होंने कंपनियों को भारत की विकास गाथा का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया और कहा कि वे भारत की आर्थिक और तकनीकी प्रगति से उत्पन्न अवसरों का उपयोग करते हुए सह-विकास, सह-डिज़ाइन और सह-उत्पादन के लिए सहयोग कर सकते हैं। उन्होंने तकनीकी नवाचार को प्रोत्साहित करने और बौद्धिक संपदा की सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का भी आश्वासन दिया।
प्रधानमंत्री ने भारत में हो रहे आर्थिक परिवर्तन पर भी प्रकाश डाला, विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर, बायोटेक और हरित विकास में। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार भारत को सेमीकंडक्टर निर्माण का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत को एक शक्ति बनाने के लिए “बायो ई3” नीति का भी उल्लेख किया। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की नीति ‘AI फॉर ऑल’ है, जो इसके नैतिक और जिम्मेदार उपयोग पर आधारित है।
बैठक में भाग लेने वाले सीईओ ने भारत के साथ निवेश और सहयोग करने की गहरी रुचि व्यक्त की। भारत की नवाचार-हितैषी नीतियों और समृद्ध बाजार अवसरों के कारण विश्व स्तर पर प्रौद्योगिकी हब के रूप में भारत की बढ़ती प्रमुखता की सराहना की गई। उन्होंने यह भी कहा कि स्टार्टअप्स में निवेश भारत में नई तकनीकों को विकसित करने और नवाचार का एक उत्कृष्ट अवसर हो सकता है।
MIT के प्रोफेसर अनंता चंद्रकासन, जो MIT स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के डीन और संस्थान के मुख्य नवाचार और रणनीति अधिकारी हैं, ने प्रधानमंत्री और सीईओ का धन्यवाद करते हुए MIT की प्रौद्योगिकी को वैश्विक भलाई के लिए सुलभ बनाने की प्रतिबद्धता को दोहराया।
गोलमेज बैठक में शामिल सीईओ की सूची:
क्रमांक | कंपनी का नाम | सीईओ का नाम |
---|---|---|
1 | एक्सेंचर | सुश्री जूली स्वीट |
2 | एडोब | श्री शांतनु नारायण |
3 | एएमडी | सुश्री लिसा सु |
4 | बायोजेन | श्री क्रिस विएबाचर |
5 | ब्रिस्टल मायर्स स्क्विब | श्री क्रिस बोर्नर |
6 | एली लिली एंड कंपनी | श्री डेविड ए. रिक्स |
7 | गूगल | श्री सुंदर पिचाई |
8 | एचपी | श्री एनरिक लोरेस |
9 | आईबीएम | श्री अरविंद कृष्ण |
10 | लैम रिसर्च | श्री टिम आर्चर |
11 | मॉडर्ना | डॉ. नोउबर अफेयन |
12 | वेरिज़ोन | श्री हांस वेस्टबर्ग |
13 | ग्लोबल फाउंड्रीज | श्री थॉमस कौलफील्ड |
14 | एनवीडिया | श्री जेन्सन हुआंग |
15 | किंड्रिल | श्री मार्टिन श्रोएटर |