क्या आप अपने रिटायरमेंट सेविंग्स को बढ़ाने और अपने EPF खाते का अधिकतम लाभ उठाने की सोच रहे हैं? तो Voluntary Provident Fund (VPF) में निवेश करना आपके लिए सही साबित हो सकता है। यह एक बेहद आसान तरीका है जिससे आप अपने कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में अतिरिक्त राशि जमा कर सकते हैं और ऊँची ब्याज दरों का लाभ उठा सकते हैं, जबकि आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहता है। साथ ही, यह सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए बाजार जोखिमों की कोई चिंता नहीं है।
चाहे आप नौकरी की शुरुआत कर रहे हों या अपने सुनहरे भविष्य को सुरक्षित करने का सोच रहे हों, VPF एक समझदार कदम हो सकता है।
Voluntary Provident Fund (VPF) क्या है?
VPF असल में EPF का एक विस्तार है। जहां आपके नियोक्ता आपकी वेतन का 12% EPF में योगदान करते हैं, वहीं VPF के जरिए आप स्वेच्छा से अपनी मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 100% तक अतिरिक्त योगदान कर सकते हैं। सबसे अच्छी बात? आपको वही आकर्षक ब्याज दर मिलती है जो EPF में मिलती है (वित्तीय वर्ष 2023-2024 में यह 8.15% थी)। और हां, इस पर मिलने वाला पूरा ब्याज टैक्स-मुक्त होता है!
VPF में निवेश कैसे करें?
पात्रता जांचें: केवल वेतनभोगी कर्मचारी जिनके पास EPF खाता है, VPF के लिए पात्र होते हैं। यदि आप स्वरोजगार करते हैं या अनौपचारिक क्षेत्र में काम करते हैं, तो यह योजना आपके लिए नहीं है।
HR या पेरोल टीम से संपर्क करें: अपने HR विभाग को सूचित करें कि आप VPF में योगदान करना चाहते हैं। आपको एक लिखित अनुरोध प्रस्तुत करना होगा जिसमें आप अपनी वेतन से कितना योगदान करना चाहते हैं, इसे स्पष्ट करेंगे। इसके बाद, यह राशि हर महीने स्वचालित रूप से कट जाएगी।
अपना योगदान तय करें: आप अपनी मूल वेतन का थोड़ा या 100% तक योगदान कर सकते हैं। याद रखें, प्रति वर्ष ₹1.5 लाख तक के योगदान पर धारा 80C के तहत टैक्स में छूट मिलती है।
ब्याज दरों की निगरानी करें: VPF को EPF के समान ब्याज मिलता है, और यह सरकार द्वारा हर साल अपडेट किया जाता है। किसी भी बदलाव की जानकारी रखें ताकि आप अपने निवेश का अधिकतम लाभ उठा सकें।
VPF क्यों एक अच्छा विकल्प है?
ऊँची ब्याज दरें: VPF 2023-2024 में 8.15% की ऊँची ब्याज दर प्रदान करता है, जो ज्यादातर फिक्स्ड डिपॉजिट या बचत खातों से अधिक है।
कर लाभ: ₹1.5 लाख तक का योगदान धारा 80C के तहत कर-मुक्त है। साथ ही, इस पर मिलने वाला ब्याज और अंतिम मैच्योरिटी राशि दोनों ही टैक्स-फ्री हैं, यदि निवेश रिटायरमेंट तक बना रहता है।
सुरक्षित और सुनिश्चित: VPF सरकार द्वारा समर्थित है, जिससे आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहता है—बाजार जोखिम की कोई चिंता नहीं है।
आसान प्रबंधन: VPF में योगदान सीधे आपके वेतन से कटता है, जिससे यह एक झंझट-मुक्त तरीका है जिसमें आपको हर महीने मैन्युअल भुगतान करने की चिंता नहीं होती।
लचीले निकासी विकल्प: यद्यपि VPF रिटायरमेंट-केंद्रित योजना है, लेकिन आप आपातकालीन स्थितियों जैसे मेडिकल खर्च, बच्चों की शिक्षा या घर की खरीद के लिए धन निकाल सकते हैं। हालांकि, यदि पाँच साल की सेवा के पहले निकासी की जाती है, तो उस पर कर लगाया जाएगा।
ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें
लॉक-इन अवधि: VPF रिटायरमेंट के लिए बनाई गई है, इसलिए आपातकालीन स्थिति में आंशिक निकासी कर सकते हैं, लेकिन इसे दीर्घकालिक निवेश के रूप में ही देखें।
उच्च योगदान पर कर: यदि आपके EPF और VPF का संयुक्त योगदान ₹2.5 लाख प्रति वर्ष से अधिक है, तो अतिरिक्त योगदान पर मिलने वाला ब्याज कर योग्य होगा।
नियोक्ता योगदान का अभाव: EPF के विपरीत, जिसमें नियोक्ता भी योगदान करता है, VPF में नियोक्ता का कोई योगदान नहीं होता। इससे आपके रिटायरमेंट कॉर्पस की कुल वृद्धि पर असर पड़ सकता है।