रिलायंस ग्रुप ने 2 अक्टूबर को भूटान सरकार के साथ एक रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है, जिसके तहत हिमालयी देश में सोलर और हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स का विकास किया जाएगा। यह साझेदारी, भूटान में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में किसी निजी कंपनी द्वारा की गई अब तक की सबसे बड़ी विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) मानी जा रही है।
इस साझेदारी के तहत, अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस ग्रुप और भूटान सरकार की वाणिज्यिक और निवेश शाखा, ड्रुक होल्डिंग एंड इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (Druk Holding and Investments Ltd), मिलकर 500 मेगावाट के सोलर और 770 मेगावाट के हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स का विकास करेंगे।
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, भूटान के गैलेफु माइंडफुलनेस सिटी में 500 मेगावाट का सोलर प्लांट अगले दो वर्षों में दो चरणों में बनाया जाएगा, हर चरण में 250 मेगावाट का उत्पादन होगा। इस प्लांट के पूरा होने के बाद, यह देश का सबसे बड़ा सोलर प्लांट बन जाएगा, जो देश के मौजूदा सभी सोलर इंस्टॉलेशन को पीछे छोड़ देगा और स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन करेगा जिससे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद मिलेगी।
इसके अलावा, रिलायंस पावर लिमिटेड और ड्रुक होल्डिंग मिलकर 770 मेगावाट के चमखरछू-1 हाइड्रो प्रोजेक्ट का विकास करेंगे। यह प्रोजेक्ट ‘रन-ऑफ-द-रिवर’ मॉडल के तहत बनाया जाएगा, जो भूटान सरकार की नीति के अनुसार एक रियायत मॉडल में वर्गीकृत है।
प्रेस विज्ञप्ति में यह भी कहा गया कि “रिलायंस ग्रुप और ड्रुक होल्डिंग के बीच यह साझेदारी हरित ऊर्जा उत्पादन पर केंद्रित होगी, खासकर सोलर और हाइड्रोपावर परियोजनाओं पर। इसके साथ ही, हरित प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में भी नवाचारों की संभावनाओं का पता लगाया जाएगा। रिलायंस ग्रुप भूटान के सरकारी कंपनियों के साथ मिलकर देश के नेट-जीरो लक्ष्यों को समर्थन देने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को कार्यान्वित करेगा।”
रिलायंस ग्रुप ने भूटान के नवीकरणीय और हरित ऊर्जा क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई प्रमुख कंपनी, रिलायंस एंटरप्राइजेज की स्थापना की भी घोषणा की है। यह कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और रिलायंस पावर द्वारा संयुक्त रूप से प्रमोट की गई है और इसका उद्देश्य सतत ऊर्जा समाधान को बढ़ावा देना और भूटान में स्मार्ट वितरण और मीटरिंग सिस्टम्स को लागू करना होगा।