भारत में CEOs के बीच कार्यालय में व्यक्तिगत उपस्थिति को लेकर नजरिया तेजी से बदल रहा है। KPMG इंडिया के CEO आउटलुक की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 91% भारतीय CEOs उन कर्मचारियों को पुरस्कृत करने के लिए तैयार हैं जो लगातार कार्यालय में उपस्थित रहते हैं। यह आंकड़ा वैश्विक CEOs (87%) के मुकाबले काफी अधिक है। रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि महामारी से पहले की कार्य संस्कृति की ओर लौटने की आवश्यकता महसूस की जा रही है, क्योंकि व्यक्तिगत रूप से एक साथ काम करने से नवाचार और उत्पादकता में वृद्धि होती है।
यह आउटलुक, जो अपने 10वें वर्ष में है, यह भी बताता है कि 78% भारतीय CEOs अगले तीन वर्षों के भीतर पूर्ण रूप से कार्यालय वापसी की उम्मीद करते हैं, जबकि वैश्विक स्तर पर 83% CEOs ऐसा मानते हैं।
रिपोर्ट में न केवल कार्यालय में उपस्थिति पर ध्यान दिया गया है, बल्कि कार्यबल के विकास को भी महत्वपूर्ण बताया गया है। 50% भारतीय CEOs कार्यबल के कौशल और क्षमताओं को बढ़ाने को प्राथमिकता दे रहे हैं, यह मानते हुए कि मानव पूंजी में निवेश करना तकनीकी प्रगति के साथ उतना ही जरूरी है।
KPMG इंडिया के CEO, यज़्दी नागपुरवाला ने CNBC-TV18 को दिए एक साक्षात्कार में बताया कि इस साल CEOs के सामने मुख्य चुनौतियों में संचालन संबंधी मुद्दे प्राथमिक चिंता बनकर उभरे हैं। इसके अलावा, साइबर सुरक्षा और भू-राजनीतिक कारक भी लगातार चिंता का विषय बने हुए हैं। हालांकि, इस साल तकनीक — खासतौर पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) — चर्चा का केंद्र रही है।
उन्होंने कहा, “पिछले वर्ष की तुलना में, मैं कहूंगा कि संचालन संबंधी मुद्दे प्रमुख चिंता के रूप में उभरे हैं। साइबर सुरक्षा के साथ-साथ भू-राजनीति का मुद्दा अब भी स्थिर है, लेकिन इस साल तकनीक, खासकर AI, चर्चा में ज्यादा प्रमुख भूमिका निभा रही है।”
नागपुरवाला ने यह भी जोर दिया कि कर्मचारियों के मूल्य प्रस्ताव (employee value proposition) का महत्व बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में कंपनियों के लिए शीर्ष प्रतिभाओं को आकर्षित करना और बनाए रखना अनिवार्य हो गया है।