सैमसंग इंडिया ने तमिलनाडु सरकार को बताया है कि चेन्नई के प्रदर्शनग्रस्त प्लांट में उसके स्थायी उत्पादन कर्मियों का औसत मासिक वेतन इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में समान नौकरियों में मिलने वाले औसत वेतन से 1.8 गुना अधिक है। इस जानकारी का स्रोत नाम न बताने की शर्त पर दिया गया है।
सैमसंग इंडिया पर आरोप है कि उसके कर्मचारियों को 10 साल की सेवा के बाद केवल ₹23,000 प्रति माह का वेतन मिलता है, जोकि “तथ्यों का गंभीर रूप से गलत प्रस्तुतीकरण है,” कंपनी ने एक रिपोर्ट में कहा।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि केवल एक कर्मचारी था, जिसे 10 साल की सेवा के बाद ₹24,000 मासिक वेतन मिलता था, वह भी अन्य लाभों के अलावा।
सैमसंग ने हड़ताली कर्मचारियों को सूचित किया है कि अवैध हड़ताल की अवधि के दौरान उन्हें ‘नो वर्क, नो पे’ नीति के अनुसार वेतन नहीं दिया जाएगा। कंपनी ने कहा है कि वह सभी मुद्दों का समाधान, जिसमें वेतन, लाभ और कार्य की शर्तें शामिल हैं, सीधे अपने कर्मचारियों से बातचीत कर के करेगी, न कि किसी तीसरे पक्ष के माध्यम से।
तमाम हड़तालों के बावजूद, चेन्नई फैक्ट्री में उत्पादन त्योहारों के मौसम की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त रूप से सामान्य हो चुका है।
सैमसंग के कौन से उत्पाद खंड प्रभावित हुए हैं?
फिलहाल केवल रेफ्रिजरेटर खंड ही हड़ताल से थोड़ा प्रभावित हुआ है, जबकि एसी और वॉशिंग मशीन खंड अभी भी सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सैमसंग फिलहाल सरकार की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहा है।
दक्षिण कोरियाई उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी अपने कर्मचारियों के साथ सीधे संवाद करना पसंद करती है, लेकिन भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (CITU) अभी भी कर्मचारियों की ओर से सैमसंग से बातचीत करने की कोशिश कर रही है।