बेंगलुरु पुलिस ने 15 अक्टूबर को जानकारी दी कि उन्होंने 97 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में Axis Bank के प्रबंधक और तीन सेल्स एग्जीक्यूटिव सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया है, जो शेयर बाजार में निवेश के जरिए मोटे मुनाफे का वादा कर लोगों को ठग रहे थे।
साइबर क्राइम पुलिस के अनुसार, इस घोटाले से जुड़े 254 मामले देश भर में दर्ज किए जा चुके हैं। बैंक कर्मचारियों द्वारा खोले गए छह बैंक खातों के जरिए 97 करोड़ रुपये के फर्जी लेन-देन किए गए थे।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान Axis Bank के नागरभावी शाखा के प्रबंधक किशोर साहू और सेल्स एग्जीक्यूटिव मनोहर, कार्तिक और राकेश के रूप में की गई है। साथ ही, लख्मीकांत, रघुराज, केंगेगौड़ा और माला सीपी, जो म्यूल खाते धारक थे, को भी हिरासत में लिया गया है।
Axis Bank के प्रवक्ता ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह मामला जांच के अधीन है और Axis Bank जांच अधिकारियों के साथ पूरी तरह सहयोग कर रहा है ताकि प्रक्रिया को तेज किया जा सके।”
जांच की शुरुआत तब हुई जब मार्च में उत्तरी बेंगलुरु के येलाहंका निवासी ने शिकायत दर्ज कराई। पुलिस के अनुसार, उसे एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया था, जहां स्टॉक ट्रेडिंग टिप्स के जरिए निवेश के 10 गुना मुनाफे का वादा किया गया था। शिकायतकर्ता का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है।
शख्स ने शुरुआत में 50,000 रुपये का निवेश किया, जिसके बाद उसे व्हाट्सएप पर बड़े मुनाफे की पुष्टि वाले संदेश मिले। इसके बाद उसने जून तक 1.5 करोड़ रुपये निवेश कर दिए। शिकायत में बताया गया कि आरोपियों ने उसके ट्रेडिंग अकाउंट का फर्जी स्क्रीनशॉट भेजा, जिसमें 28 करोड़ रुपये का मुनाफा दिखाया गया था। लेकिन जब आरोपियों ने 75 लाख रुपये की ‘सर्वर मैनेजमेंट फीस’ मांगी, तो उसे शक हुआ और उसने साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
जांच में पुलिस ने आरोपियों से जुड़े कई बैंक खातों का पता लगाया। दो चालू खाते Axis Bank की नागरभावी शाखा से जुड़े पाए गए। ये खाते चिकमगलूर के निवासियों के नाम पर खोले गए थे, जिन्होंने न तो अपनी निवास से जुड़े दस्तावेज जमा किए थे और न ही किसी व्यावसायिक गतिविधि का प्रमाण दिया था।
इसी तरह की संदिग्ध परिस्थितियों में चार अन्य खाते भी खोले गए थे। इन छह खातों के माध्यम से कुल 97 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ था, पुलिस ने बताया।
जांच में पुलिस ने Axis Bank के प्रबंधक और तीन सेल्स एग्जीक्यूटिव को गिरफ्तार किया, जिन्हें 26 सितंबर को 12 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया। पूछताछ के दौरान उन्होंने चिकमगलूर के छह खाता धारकों के नाम बताए, जिनमें से चार, जिनमें एक महिला भी शामिल थी, को 29 सितंबर को गिरफ्तार किया गया।
बैंक प्रबंधक और सेल्स एग्जीक्यूटिव अब न्यायिक हिरासत में हैं। पुलिस ने बताया कि इस घोटाले से जुड़े 254 मामले देश भर में दर्ज किए गए हैं और अभी नौ अन्य संदिग्धों की तलाश की जा रही है, जिनमें से कुछ विदेश में हो सकते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) लगातार नागरिकों को ऐसे अपराधियों से सावधान रहने की सलाह दे रहे हैं, जो मोटे मुनाफे का लालच देकर ठगी कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे केवल पंजीकृत पेशेवरों से ही बाजार की सलाह लें, क्योंकि मैसेजिंग ऐप्स के जरिए हो रहे धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।