8 अगस्त 2024 को भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) द्वारा क्रेडिट जानकारी रिपोर्टिंग की आवृत्ति को लेकर एक महत्वपूर्ण घोषणा की। यह घोषणा कब से लागू होगी और इससे बैंकों, एनबीएफसी और उधारकर्ताओं को कैसे लाभ होगा? आइए समझते हैं।
हर पखवाड़े होगी क्रेडिट जानकारी रिपोर्टिंग
पहले, बैंक और एनबीएफसी क्रेडिट ब्यूरो को मासिक आधार पर क्रेडिट जानकारी रिपोर्ट करते थे। 8 अगस्त 2024 को आरबीआई ने एक अधिसूचना जारी की जिसमें यह कहा गया कि अब यह आवृत्ति मासिक से बदलकर पखवाड़े में हो जाएगी। यह नया निर्देश 1 जनवरी 2025 से प्रभावी होगा।
हालांकि, आरबीआई ने बैंकों, एनबीएफसी और क्रेडिट सूचना कंपनियों (CICs) से यह आग्रह किया है कि वे इसे जल्द से जल्द लागू करें, लेकिन 1 जनवरी 2025 से देरी नहीं होनी चाहिए। जो संस्थाएँ इस निर्देश का पालन नहीं करेंगी, वे आरबीआई की दंडात्मक कार्रवाई के अधीन होंगी।
क्रेडिट संस्थानों और क्रेडिट सूचना कंपनियों को अपने ग्राहकों की क्रेडिट जानकारी को नियमित रूप से पखवाड़े में अद्यतन करना होगा। डेटा हर महीने की 15 तारीख और आखिरी तारीख को अपडेट किया जाएगा, या जैसा कि संस्थान और क्रेडिट सूचना कंपनियों के बीच आपसी समझौते के तहत तय किया जाएगा। संबंधित पखवाड़े की रिपोर्टिंग के सात कार्यदिवसों के भीतर क्रेडिट संस्थानों को यह जानकारी क्रेडिट सूचना कंपनियों को सौंपनी होगी।
क्रेडिट सूचना कंपनियों को भी प्राप्त जानकारी को पहले के सात दिनों के बजाय अब पांच दिनों के भीतर संसाधित करना होगा। क्रेडिट सूचना कंपनियाँ पखवाड़े की रिपोर्टिंग के पालन न करने वाले क्रेडिट संस्थानों की जानकारी को हर छह महीने में आरबीआई को भेजेंगी। यह रिपोर्टिंग 31 मार्च और 30 सितंबर को की जाएगी।
क्रेडिट स्कोर का महत्व
क्रेडिट स्कोर एक तीन अंकों की संख्या होती है जो किसी उधारकर्ता की क्रेडिट योग्यता को दर्शाती है। उदाहरण के तौर पर, यदि कोई व्यक्ति किसी बैंक से क्रेडिट कार्ड लेना चाहता है, तो बैंक अन्य कारकों के साथ-साथ उसके क्रेडिट स्कोर को देखता है। 750 या उससे अधिक का CIBIL स्कोर अच्छा माना जाता है और क्रेडिट कार्ड स्वीकृति के लिए मददगार होता है। जितना उच्च स्कोर, उतनी ही बेहतर संभावना।
आरबीआई के इस नए निर्देश के बाद क्रेडिट स्कोर मासिक के बजाय अब हर पखवाड़े अपडेट होगा। यदि किसी उधारकर्ता ने कर्ज की किश्त या क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान किया है, तो यह उसकी क्रेडिट रिपोर्ट में जल्द ही दिखाई देगा और उसका स्कोर बेहतर हो सकेगा। बेहतर क्रेडिट स्कोर होने पर उधारकर्ता को अतिरिक्त क्रेडिट प्राप्त करने में आसानी होगी।
वहीं, अगर किसी उधारकर्ता ने कर्ज की किश्त या क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान देर से किया है या चूक की है, तो यह जानकारी भी जल्द ही उसकी क्रेडिट रिपोर्ट में दिखाई देगी और उसके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव डालेगी। इससे बैंक या एनबीएफसी उधारकर्ता की क्रेडिट योग्यता को बेहतर तरीके से आकलित कर सकेंगे और निर्णय ले सकेंगे।
ग्राहकों के लिए RBI निर्देशों के लाभ
पिछले कुछ वर्षों में कई बैंक और एनबीएफसी ने क्रेडिट उत्पादों जैसे ऋण और क्रेडिट कार्ड के आवेदन की प्रक्रिया को डिजिटल कर दिया है। इस डिजिटल प्रक्रिया से क्रेडिट अनुमोदन में तेजी आई है। आरबीआई को यह महसूस हुआ कि क्रेडिट सूचना कंपनियों द्वारा दी जाने वाली क्रेडिट रिपोर्ट्स में अधिक अद्यतन जानकारी होनी चाहिए।
पहले मासिक डेटा अपडेट चक्र के दौरान, जब कोई ग्राहक अपनी ईएमआई या क्रेडिट कार्ड बकाया का भुगतान करता था, तो उसे इस जानकारी को अपनी क्रेडिट रिपोर्ट में देखने के लिए अधिक समय तक इंतजार करना पड़ता था। अब, पखवाड़े की डेटा अपडेट चक्र के साथ, यह जानकारी जल्दी से क्रेडिट रिपोर्ट में परिलक्षित होगी। इससे क्रेडिट स्कोर जल्दी सुधरेगा और ग्राहक तेजी से अपने स्कोर को सुधार पाएंगे।
नवीनतम क्रेडिट स्कोर के साथ, ऋण या क्रेडिट कार्ड के आवेदन की स्वीकृति की संभावना बढ़ जाएगी। साथ ही, एक उच्च क्रेडिट स्कोर ग्राहक को कम ब्याज दर पर ऋण प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
क्रेडिट संस्थानों के लिए RBI निर्देशों के लाभ
नवीनतम अद्यतन क्रेडिट जानकारी जो अब मासिक के बजाय पखवाड़े में उपलब्ध होगी, क्रेडिट संस्थानों को सूचित निर्णय लेने में सक्षम बनाएगी। इससे बैंक और एनबीएफसी बेहतर जोखिम आकलन कर सकेंगे और ग्राहकों की वित्तीय स्थिति को सही से समझ सकेंगे।
नई जानकारी के साथ बैंक और एनबीएफसी उन उधारकर्ताओं की पहचान भी कर सकेंगे, जिन्होंने कई बैंकों और संस्थानों से क्रेडिट या ऋण के लिए आवेदन किया हो। इससे ओवर-लेवरेजिंग और संभावित डिफॉल्ट्स को भी कम किया जा सकेगा।