भारतीय पूंजी बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को एडलवाइस एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड, इसके सीईओ राधिका गुप्ता और फंड मैनेजर त्रिदीप भट्टाचार्य पर म्यूचुअल फंड नियमों के उल्लंघन के लिए कुल 16 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
सेबी के आदेश के अनुसार, एडलवाइस एसेट मैनेजमेंट पर 8 लाख रुपये का, जबकि गुप्ता और भट्टाचार्य पर व्यक्तिगत रूप से 4 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही, उन्हें यह राशि 45 दिनों के भीतर चुकाने का निर्देश दिया गया है।
सेबी ने उद्योग-व्यापी विश्लेषण के दौरान पाया कि क्या फोकस्ड फंड वास्तव में अपने उद्देश्य के अनुरूप हैं। इसी क्रम में, एडलवाइस फोकस्ड इक्विटी फंड (EFEF) ने ‘30 स्टॉक्स में अधिकतम निवेश करने वाले ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम’ के नियम का उल्लंघन किया है। यह उल्लंघन 88 दिनों तक किया गया, जिसमें नवंबर 2022, दिसंबर 2022, जनवरी 2023 और फरवरी 2023 के महीने शामिल हैं।
आदेश में सेबी ने कहा, “नोटिसी नंबर 1 (एडलवाइस एसेट मैनेजमेंट) इस बात को सुनिश्चित करने में असफल रहा कि एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने सभी उचित कदम उठाए और यह ध्यान रखा कि किसी भी स्कीम के फंड का निवेश म्यूचुअल फंड नियमों के खिलाफ न हो।” इसके अलावा, गुप्ता, जो कि एडलवाइस एसेट मैनेजमेंट की सीईओ हैं, और भट्टाचार्य, जो कि EFEF के फंड मैनेजर हैं, वे इस बात को सुनिश्चित करने में असफल रहे कि स्कीम के फंड्स को निवेश उद्देश्य प्राप्ति के अनुसार निवेश किया जाए।
इस प्रकार, उनके इस कार्य ने म्यूचुअल फंड नियमों का उल्लंघन किया है।
गौरतलब है कि इस सप्ताह की शुरुआत में एडलवाइस एसेट मैनेजमेंट के पूर्व फंड मैनेजर अभिषेक गुप्ता ने म्यूचुअल फंड नियमों के कथित उल्लंघन के मामले को 19.5 लाख रुपये के सेटलमेंट चार्ज का भुगतान कर सेटल कर लिया।
अभिषेक गुप्ता पर भी यह आरोप था कि उन्होंने स्कीम के फंड्स को स्कीम के उद्देश्यों के अनुसार निवेशित नहीं किया, जिससे म्यूचुअल फंड नियमों का उल्लंघन हुआ।
ऐसा प्रतीत होता है कि एडलवाइस की सीनियर लीडरशिप में नियमों के प्रति गंभीरता की कमी है। एक CEO और फंड मैनेजर से यह उम्मीद की जाती है कि वे निवेशकों के फंड्स का जिम्मेदारी से प्रबंधन करेंगे, लेकिन यहाँ तो पूरा सिस्टम ही दिशाहीन नजर आ रहा है। क्या बड़ी-बड़ी कंपनियों को इस तरह नियमों का उल्लंघन कर निवेशकों के पैसों से खेलना मुनासिब है? सेबी के आदेश से यही संदेश जाता है कि लापरवाही के लिए कोई भी कितना भी बड़ा क्यों न हो, बख्शा नहीं जाएगा।