यदि आप नियमित रूप से क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं, तो आपके लिए समय पर बिल का भुगतान करना बेहद जरूरी है, ताकि आपका क्रेडिट स्कोर बना रहे और आपको अत्यधिक ब्याज दर पर लेट फीस न चुकानी पड़े। इसमें कोई संदेह नहीं है कि क्रेडिट कार्ड बिल को समय सीमा से पहले चुकाना सबसे सही समय होता है।
अधिकांश क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ता इस तथ्य से अनजान होते हैं कि 45 दिनों की ब्याज-मुक्त अवधि (या 50 दिन) तभी लागू होती है जब आप अपने क्रेडिट कार्ड का बिल समय पर चुकाते हैं। समय सीमा चूकने पर ब्याज की गणना शुरू हो जाती है और कार्ड जारीकर्ता द्वारा लेट पेमेंट शुल्क भी लगाया जाता है।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस स्थिति में ब्याज की गणना लेनदेन की तारीख से की जाएगी, न कि भुगतान की अंतिम तिथि से।
इस प्रकार, अतिरिक्त ब्याज से बचने के लिए अपने भुगतान के समय का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है।
याद रखने योग्य प्रमुख बातें:
I. समय सीमा से पहले भुगतान करें: अपने क्रेडिट कार्ड का पूरा बकाया राशि, समय सीमा से पहले चुकाकर, आप ब्याज शुल्क से बच सकते हैं। अधिकतर क्रेडिट कार्ड एक ग्रेस पीरियड प्रदान करते हैं, जो आपके क्रेडिट उपयोग अनुपात को भी कम रखता है और क्रेडिट स्कोर पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। आदर्श रूप से, आपके क्रेडिट उपयोग अनुपात को 30 प्रतिशत से कम रखना चाहिए।
II. बिलिंग चक्र की शुरुआत में भुगतान करें: यदि आप अपनी स्टेटमेंट प्राप्त करने के बाद ही जल्द भुगतान करते हैं, तो आपका कम बैलेंस क्रेडिट ब्यूरो को रिपोर्ट किया जाएगा, जिससे क्रेडिट उपयोग अनुपात सुधरता है। उदाहरण के लिए, यदि आपकी स्टेटमेंट 15 तारीख को बंद होती है, तो उस दिन या उसके तुरंत बाद भुगतान करने से आपके अगले स्टेटमेंट में कम बैलेंस दिखेगा।
III. मल्टीपल पेमेंट्स करें: यदि आप क्रेडिट कार्ड का बार-बार उपयोग करते हैं, तो पूरे बिलिंग चक्र में कई बार भुगतान करने पर विचार कर सकते हैं। इससे बैलेंस कम रहेगा और बजट बनाने में भी सहूलियत होगी। साथ ही, इससे महीने के दौरान उच्च खर्च से आपके क्रेडिट उपयोग अनुपात पर बुरा असर नहीं पड़ेगा।
IV. न्यूनतम से अधिक राशि चुकाएं: याद रखें कि न्यूनतम भुगतान करने से आपका खाता चालू रहेगा, लेकिन बाकी बैलेंस पर ब्याज लगेगा। इसलिए, न्यूनतम से अधिक, आदर्श रूप से पूरा बैलेंस चुकाना बेहतर है।
V. ऑटो-पे सेट करें: लेट फीस से बचने के लिए आप कम से कम न्यूनतम बैलेंस के लिए ऑटो-पे सेट कर सकते हैं, और आवश्यकता होने पर मैन्युअल रूप से अतिरिक्त भुगतान कर सकते हैं। इसे आसान शब्दों में कहें तो बिलिंग चक्र में जितना जल्दी संभव हो, भुगतान करके बैलेंस कम रखें और ब्याज से बचें।