भारत की अग्रणी आईटी दिग्गज कंपनियों में से एक, इनफोसिस को बेंगलुरु में वाणिज्यिक करों के उप-आयुक्त द्वारा 3 करोड़ रुपये से अधिक का दंड नोटिस प्राप्त हुआ है। यह दंड 2019-20 वित्तीय वर्ष के लिए कर भुगतान में कथित अनियमितताओं और इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के अत्यधिक उपयोग से संबंधित है। यह घटनाक्रम कर अधिकारियों द्वारा कंपनी की चल रही जांच को और बढ़ाता है।
वित्तीय स्थिति पर न्यूनतम प्रभाव
शनिवार को जारी एक बयान में, इनफोसिस ने स्पष्ट किया कि यह दंड उसकी वित्तीय प्रदर्शन, संचालन, या अन्य व्यापारिक गतिविधियों पर भौतिक रूप से प्रभाव नहीं डालेगा। कंपनी ने अपने हितधारकों को आश्वासन दिया है कि यह दंड उसके कुल प्रदर्शन को प्रभावित करने के लिए पर्याप्त महत्वपूर्ण नहीं है। इनफोसिस ने इस जानकारी को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर भी उपलब्ध कराया है ताकि अपने शेयरधारकों और जनता के साथ पारदर्शिता बनाए रखी जा सके।
चल रही जीएसटी जांच
यह दंड नोटिस वस्तु एवं सेवा कर खुफिया निदेशालय (DGGI) द्वारा इनफोसिस के खिलाफ एक व्यापक जांच के बाद आया है, जिसमें एकीकृत वस्तु और सेवा कर (IGST) की चोरी के आरोप शामिल हैं। जुलाई 2024 में, DGGI ने इनफोसिस को उसकी विदेशी शाखाओं से प्राप्त सेवाओं से संबंधित IGST में 32,403 करोड़ रुपये की कथित चोरी के लिए चिन्हित किया था। हालांकि, बाद में कर्नाटक जीएसटी विभाग ने पूर्व-कारण बताओ नोटिस को वापस ले लिया, लेकिन DGGI की जांच अभी भी जारी है।
पिछले आरोप और नासकॉम का समर्थन
इनफोसिस की कर प्रथाओं, विशेष रूप से उसकी विदेशी शाखाओं से संबंधित, पर पहले से ही जांच चल रही है। DGGI की जांच शुरू में इस बात पर केंद्रित थी कि क्या इनफोसिस ने भारत से निर्यात चालानों में अपनी विदेशी शाखाओं से खर्चों को शामिल किया था, जो संभावित रूप से पात्र रिफंड को प्रभावित कर सकते हैं और रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत IGST देनदारी पर चिंता पैदा कर सकते हैं।
हाल ही में, इनफोसिस ने पुष्टि की कि DGGI ने वित्तीय वर्ष 2017-2018 के लिए 3,898 करोड़ रुपये के जीएसटी राशि से संबंधित पूर्व-कारण बताओ नोटिस कार्यवाही को बंद कर दिया है। इस स्थिति को नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (नासकॉम) से समर्थन प्राप्त हुआ है, जिसने विदेशी शाखाओं और भारतीय मुख्यालय के बीच कर उपचार को स्पष्ट करने वाले सरकारी परिपत्रों के संगत प्रवर्तन की आवश्यकता पर जोर दिया। नासकॉम ने तर्क दिया कि इन दिशानिर्देशों का सही पालन महत्वपूर्ण है ताकि इनफोसिस जैसी कंपनियों को अनुचित दंड का सामना न करना पड़े।
निष्कर्ष
हालांकि 3 करोड़ रुपये का दंड नोटिस महत्वपूर्ण लग सकता है, इनफोसिस का यह आश्वासन कि इसका उसके वित्तीय या संचालन पर भौतिक रूप से प्रभाव नहीं पड़ेगा, कंपनी की स्थिरता को दर्शाता है। हालांकि, चल रही जांच और जांच इस बात पर जोर देती है कि ऐसे विवादों से बचने के लिए स्पष्ट कर दिशानिर्देश और संगत प्रवर्तन का महत्व कितना आवश्यक है।