खाद्य वितरण कंपनी ज़ोमैटो ने रविवार को अपने प्लेटफॉर्म पर “फ़ूड रेस्क्यू” फीचर लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य कैंसल किए गए ऑर्डर्स से उत्पन्न फूड वेस्ट को कम करना है। अब रेस्तरां के आसपास रहने वाले ग्राहक कैंसल हुए खाने के ऑर्डर्स को “बेहद सस्ते दामों” पर खरीद सकते हैं। इस फीचर की घोषणा कंपनी के सीईओ दीपिंदर गोयल ने की।
गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में लिखा, “अब कैंसल हुए ऑर्डर्स नजदीकी ग्राहकों के लिए दिखाई देंगे, जो इन्हें अपनी मूल, अनछुई पैकेजिंग में मिनटों में प्राप्त कर सकते हैं, और वह भी बहुत कम कीमत में।”
सीईओ ने बताया कि प्रतिदिन ग्राहकों द्वारा 4 लाख से अधिक “बिल्कुल सही ऑर्डर्स” विभिन्न कारणों से कैंसल कर दिए जाते हैं, जबकि कंपनी ने इस पर सख्त नियम बनाए हैं, जिसमें कैंसलेशन पर कोई रिफंड नहीं दिया जाता।
गोयल ने आगे कहा कि “हमारे लिए, रेस्तरां उद्योग के लिए, और यहां तक कि उन ग्राहकों के लिए भी जिन्होंने ऑर्डर कैंसल किए हैं, यह प्राथमिक चिंता है कि इस भोजन को बेकार न जाने दिया जाए।”
ज़ोमैटो का यह नया फीचर सभी शहरों में विस्तार के लिए तैयार किया जा रहा है।
सीसीआई के जांच घेरे में ज़ोमैटो
शनिवार को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की एक जांच में पाया गया कि ज़ोमैटो सहित कुछ फूड डिलीवरी प्लेटफ़ॉर्म अपने कुछ चुने हुए रेस्तरां भागीदारों को अनुचित लाभ पहुंचा रहे हैं, जिसके अंतर्गत विशेष रेस्तरां को वरीयता दी जाती है। यह जांच नेशनल रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) की एक शिकायत पर आधारित थी।
रेगुलेटर ने कहा कि यह वरीयता देने का तरीका कई पहलुओं में हो सकता है, जैसे कि भोजन वितरण पर नियंत्रण रखना, रेस्तरां की सर्च रैंकिंग में फेरबदल करना, आदि। इसके अलावा, प्लेटफॉर्म द्वारा निर्धारित मूल्य संतुलन से जुड़े क्लॉज़ के अनुसार, रेस्तरां को किसी अन्य प्लेटफॉर्म या अपने निजी चैनल पर अधिक छूट या कम कीमत की पेशकश करने की अनुमति नहीं दी गई, ताकि प्लेटफ़ॉर्म पर न्यूनतम मूल्य और अधिकतम छूट ही बनी रहे।
अप्रैल 2022 में, सीसीआई ने यह पाया कि “प्रथम दृष्टया यहां हितों का टकराव नजर आता है, जो कि प्लेटफ़ॉर्म द्वारा प्रोत्साहित किए गए निजी ब्रांडों/इकाइयों के बीच संपूर्ण प्रतिस्पर्धा पर पड़ने वाले प्रभाव के लिए गहन जांच की मांग करता है।”