तेज़ डिलीवरी सेवा प्रदान करने वाली कंपनी ज़ेप्टो ने हाल के महीनों में अपने नकदी जलाने की दर को तेज़ी से बढ़ाया है। कंपनी अब हर महीने ₹250 करोड़ (लगभग $30 मिलियन) से अधिक खर्च कर रही है, जो अक्टूबर में ₹300 करोड़ (लगभग $35 मिलियन) तक पहुंच गई। यह वृद्धि भारत में तेज़ी से बढ़ रही क्विक कॉमर्स की प्रतिस्पर्धा और त्योहारी सीज़न के दौरान आई है।
ज़ेप्टो ने हाल ही में ₹2,500 करोड़ (लगभग $300 मिलियन) का फंडिंग राउंड पूरा किया है, जिसमें भारत के प्रमुख हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) ने निवेश किया। इस राशि का उपयोग कंपनी अपने प्रतिस्पर्धियों को टक्कर देने और बाज़ार में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए कर रही है।
कंपनी के सूत्रों के अनुसार, मई 2024 तक ज़ेप्टो का मासिक नकदी खर्च ₹35-40 करोड़ के बीच था, लेकिन तीन महीनों में यह छह गुना बढ़ गया है।
डिजिटल मार्केटिंग पर ज़बरदस्त खर्च
सूत्रों का कहना है कि ज़ेप्टो हर महीने ₹120 करोड़ डिजिटल मार्केटिंग और गूगल व मेटा पर कीवर्ड खरीदने में खर्च कर रही है। इसके अलावा, ग्राहक आकर्षित करने के लिए भारी डिस्काउंट भी दिए जा रहे हैं। यहाँ तक कि कंपनी आईफोन जैसे प्रीमियम उत्पादों पर भी ₹4,500 तक की छूट दे रही है।
कर्मचारियों की हायरिंग में आक्रामकता
एक अन्य सूत्र ने बताया कि ज़ेप्टो 50-60% वेतन वृद्धि देकर प्रतिस्पर्धी कंपनियों से टैलेंट को खींच रही है। “यह पागलपन की हद तक पहुँच गया है,” उन्होंने कहा।
सीईओ का बयान
ज़ेप्टो के सीईओ आदित पालिचा ने पुष्टि की कि 70% मौजूदा स्टोर्स ने ईबीआईटीडीए लाभप्रदता हासिल कर ली है। “हम जो पूंजी जला रहे हैं, वह मुख्य रूप से कैपेक्स, वर्किंग कैपिटल और नए स्टोर्स खोलने के लिए है। इन स्टोर्स का लाभप्रदता ग्राफ पुराने स्टोर्स से बेहतर है,” उन्होंने कहा।
कंपनी की रणनीति पर सवाल
कंपनी की आक्रामक रणनीति पर एक सवाल यह है कि क्या ज़ेप्टो इस खर्च के दबाव को लंबे समय तक सहन कर पाएगी? “ग्राहक लुभाने के लिए इतनी बड़ी छूट देना, क्या एक स्थायी मॉडल है?” यह सवाल उठना स्वाभाविक है।
बाजार में स्थिति
ज़ेप्टो फिलहाल स्विगी इंस्टामार्ट, ब्लिंकिट, टाटा के बिगबास्केट और फ्लिपकार्ट मिनिट्स जैसी कंपनियों के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा में है।
वित्तीय ताकत
ज़ेप्टो ने 2024 में अब तक $1.4 बिलियन (लगभग ₹11,200 करोड़) नकदी जमा की है। यह भारत की पहली ऐसी निजी स्टार्टअप बन गई है, जिसने पूरी तरह से घरेलू पूंजी के माध्यम से इतनी बड़ी राशि जुटाई है।