छोटे व्यवसाय अब बढ़ते साइबर खतरों से निपटने के लिए प्रबंधित साइबर सुरक्षा सेवाओं को तेजी से अपना रहे हैं। सुरक्षा प्रदाता कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग करके इन सेवाओं की लागत कम कर रहे हैं। उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, AI की मदद से खतरे की निगरानी और अलर्ट जैसी प्रक्रियाओं को स्वचालित करके लागत घटाई जा रही है। इसके साथ ही, साइबर सुरक्षा प्रदाताओं का बाजार आधार भी बढ़ रहा है।
देशीय साइबर सुरक्षा कंपनी क्विक हील टेक्नोलॉजीज के मुख्य कार्यकारी विशाल साल्वी ने बताया कि, “AI की वजह से साइबर सुरक्षा कंपनियों के लिए जनशक्ति लागत औसतन 30-40% तक घट सकती है। हालांकि, यह लागत कम होने का प्रभाव 1:1 अनुपात में नहीं होता, लेकिन दीर्घकालिक रूप से AI के कारण प्रति-इकाई लागत में तेजी से गिरावट आ रही है।”
MSME के लिए साइबर सुरक्षा का महत्व
मुंबई स्थित MSME इडोब्रो इम्पैक्ट सॉल्यूशंस की प्रबंध निदेशक करोन शैवा ने कहा, “छोटी कंपनियों के लिए साइबर सुरक्षा खर्च कुल व्यय का 1% से कम होता है। यह सुरक्षा सेवाओं की कम होती लागत के कारण संभव हुआ है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि साइबर हमले की स्थिति में वित्तीय, परिचालन और प्रतिष्ठा संबंधी नुकसान झेलना छोटे व्यवसायों के लिए मुश्किल होता है।
जुलाई में एक ऐसा ही मामला सामने आया, जब कंटेंट डिस्ट्रीब्यूटर क्राउडस्ट्राइक के एक गलत अपडेट के कारण व्यापक IT हार्डवेयर आउटेज हुआ। इससे यह साफ हुआ कि छोटे व्यवसायों को भी प्रबंधित साइबर सेवाओं की आवश्यकता है।
बढ़ते खर्च और AI का प्रभाव
गार्टनर की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में साइबर सुरक्षा पर खर्च 2024 में 17% बढ़कर $3.4 बिलियन (₹28,300 करोड़) हो जाएगा, जो 2023 में $2.9 बिलियन (₹24,150 करोड़) था। प्रबंधित साइबर सुरक्षा प्रदाता, जो AI का उपयोग करके लागत घटा रहे हैं, भारत में 42% की दर से बढ़ने की उम्मीद है।
विशेषज्ञों का मानना है कि AI के कारण लागत में कमी MSME के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये व्यवसाय देश के बड़े औद्योगिक समूहों के आपूर्तिकर्ता और विक्रेता हैं। साइवेयर के सह-संस्थापक और मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी अक्षत जैन ने कहा, “MSME को सुरक्षा प्रदान करना सिर्फ उनकी अपनी मजबूती के लिए नहीं, बल्कि बड़े व्यवसायों की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है।”
MSME के लिए साइबर सुरक्षा अपनाना
यूके स्थित साइबर सुरक्षा कंपनी सोफोस के सेल्स इंजीनियरिंग निदेशक रवींद्र बाविस्कर ने बताया, “MSME अब फायरवॉल लागू कर रहे हैं, एंडपॉइंट प्रोटेक्शन टूल अपना रहे हैं और नियमित चेकअप कर रहे हैं ताकि उद्योग मानकों को पूरा किया जा सके।” हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा, “बड़े व्यवसायों की तुलना में MSME का साइबर सुरक्षा प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग कम हो सकता है, लेकिन वे कम से कम बुनियादी सुरक्षा उपायों को तो अपना रहे हैं।”
IBM की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि AI अपनाने वाली कंपनियां प्रति वर्ष $2.2 मिलियन (₹18.3 करोड़) की बचत कर रही हैं। EY इंडिया के साइबर सुरक्षा साझेदार ललित कालरा के अनुसार, “AI-आधारित प्लेटफ़ॉर्म अपनाने वाली कंपनियां पारंपरिक रूप से $500,000 (₹4 करोड़) से अधिक के खर्च में 70% की कमी देख रही हैं।”