OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने X (पहले ट्विटर) पर एलन मस्क के ChatGPT पर बार-बार ‘वामपंथी झुकाव’ के आरोपों का जवाब दिया है। ऑल्टमैन ने OpenAI के ChatGPT और मस्क के AI चैटबॉट Grok के जवाबों की तुलना की। यह तुलना अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच चयन करने के सवाल पर आधारित थी।
ऑल्टमैन ने बिना मस्क का नाम लिए X पर पूछा, “दोनों में से कौन-सा मॉडल ‘वामपंथी प्रचार मशीन’ कहलाने योग्य है?”
उन्होंने आगे कहा, “हमें गर्व है कि ChatGPT निष्पक्षता के मामले में लगातार सबसे अच्छा प्रदर्शन करता है। यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण मानक है। उपयोगकर्ताओं को इसे कस्टमाइज़ करने के लिए विकल्प मिलने चाहिए।”
मस्क के आरोप: ‘बहुत ज़्यादा जागरूक’
एलन मस्क ने ChatGPT पर ‘बहुत ज़्यादा जागरूक’ यानी ‘वोक’ होने का आरोप लगाया है। पिछले साल उन्होंने एक पोस्ट का जवाब देते हुए लिखा था, “वोक माइंड वायरस, जो मौलिक रूप से मानवता-विरोधी है, ChatGPT में गहराई से समाया हुआ है!”
एलन मस्क और OpenAI का इतिहास
एलन मस्क का OpenAI के साथ पुराना रिश्ता रहा है। उन्होंने 2015 में सैम ऑल्टमैन और ग्रेग ब्रॉकमैन के साथ मिलकर इस AI स्टार्टअप की सह-स्थापना की थी। हालांकि, 2018 में कंपनी की दिशा को लेकर असहमति के कारण उन्होंने OpenAI छोड़ दिया।
इस साल की शुरुआत में, मस्क ने OpenAI, ऑल्टमैन और ब्रॉकमैन के खिलाफ यह आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया कि उन्होंने व्यावसायिक हितों को सार्वजनिक भलाई से ऊपर रखा।
OpenAI पर नए आरोप
हाल ही में दाखिल एक शिकायत में मस्क ने OpenAI पर उनके प्रतिस्पर्धी AI प्रोजेक्ट xAI को कमजोर करने की कोशिश का आरोप लगाया। उनका कहना है कि OpenAI ने निवेशकों को प्रतिद्वंद्वी परियोजनाओं में पैसा लगाने से हतोत्साहित किया है।
मस्क ने अपने मूल मुकदमे में Microsoft का नाम भी जोड़ा है। उनका दावा है कि OpenAI को Microsoft की बुनियादी ढांचा और विशेषज्ञता से अनुचित लाभ मिल रहा है, जिससे AI उद्योग में असमानता पैदा हो रही है।
मस्क के वकीलों ने ओकलैंड, कैलिफोर्निया की संघीय अदालत में दायर संशोधित शिकायत में लिखा, “Microsoft और OpenAI, जो पहले ही जनरेटिव AI में लगभग एकाधिकार कर चुके हैं, अब प्रतिस्पर्धियों, जैसे xAI, को खत्म करने के लिए सक्रिय प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए वे निवेशकों से उन्हें फंड न देने की प्रतिज्ञा करवा रहे हैं।”
शिकायत में यह भी जोड़ा गया, “ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि कोई संस्था कर-मुक्त चैरिटी से $157 बिलियन की लाभकारी, बाज़ार पर हावी गॉरगन में बदल जाए—वो भी सिर्फ आठ साल में।”