सॉफ्टबैंक समर्थित ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मेशो ने पिछले 12 महीनों में 2.2 करोड़ संदिग्ध लेन-देन पर कार्रवाई की और 12 मामले दर्ज किए। यह जानकारी कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में सोमवार को साझा की गई।
“ट्रस्ट एश्योरेंस रिपोर्ट” के अनुसार, मेशो की टीम ने अत्याधुनिक कंप्यूटेशनल लॉजिक, जटिल डेटा साइंस फ्रेमवर्क और नवीन विश्लेषणात्मक मॉडलों का उपयोग करके 77 लाख फर्जी प्रयासों और 13 लाख बॉट ऑर्डर को रोकने में सफलता प्राप्त की है।
इसके अलावा, कंपनी ने खतरनाक धोखाधड़ी से ग्राहकों की सुरक्षा के लिए थ्रेट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म्स के साथ साझेदारी कर 18,000 से अधिक फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल और लगभग 130 नकली वेबसाइट्स और ऐप्स को हटा दिया, जो नौकरी पोर्टल, ग्राहक सहायता और लॉटरी स्कीम के नाम पर मेशो के ब्रांड का दुरुपयोग कर रहे थे।
रिपोर्ट में कहा गया, “पिछले 12 महीनों में, मेशो ने 2.2 करोड़ से अधिक फर्जी लेन-देन को रोका है। इसके अलावा, मेशो ने प्लेटफॉर्म से गलत लोगों को हटाने के लिए व्यापक कदम उठाए।”
मेशो ने खाता अधिग्रहण धोखाधड़ी (Account Takeover Fraud) के खिलाफ सक्रिय जांच शुरू की, जिससे रांची और कोलकाता में 40 से अधिक व्यक्तियों के खिलाफ नौ मामले दर्ज किए गए।
रिपोर्ट में कहा गया, “अधिकारियों के साथ मिलकर काम करते हुए, मेशो ने खाता अधिग्रहण धोखाधड़ी को नियंत्रित करने में 98% सफलता दर हासिल की है।”
लॉटरी धोखाधड़ी के मामलों में, जिनमें लोगों को भारी भुगतान या कैशबैक के झूठे लिंक भेजकर निशाना बनाया गया, कंपनी ने तीन एफआईआर दर्ज की हैं।
कंपनी का दावा है कि अक्टूबर 2023 से लॉटरी धोखाधड़ी की घटनाओं में 75% की कमी आई है।
ऑनलाइन रिटेलर ने दिल्ली उच्च न्यायालय में मेशो के नाम का उपयोग करके फर्जी वेबसाइट चलाने वालों के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा की मांग की।
कोर्ट का फैसला:
रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने मेशो को “प्रसिद्ध ब्रांड” के रूप में मान्यता दी और डोमेन रजिस्ट्रार को इन साइटों को निष्क्रिय करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही, कानून प्रवर्तन एजेंसियों को जांच करने, संबंधित बैंक खातों को फ्रीज करने और उपयुक्त दंडात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया गया।