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Tuesday, November 19, 2024
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क्या ई-कॉमर्स कंपनियां कानून का पालन कर रही हैं या किराना दुकानों पर प्रहार कर रही हैं?

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि ई-कॉमर्स कंपनियों को देश के कानूनों का पालन न केवल कागज़ी तौर पर बल्कि उसकी भावना के अनुसार भी करना चाहिए।

मंत्री ने यह बयान 19 नवंबर को मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान दिया, जब उनसे तेज़ी से बढ़ रही क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के किराना स्टोर्स पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में सवाल पूछा गया।

गोयल ने कहा, “जब तक वे सभी देश के कानूनों का पालन करते हैं। ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) के नियम स्पष्ट हैं। मैं इस विषय पर बार-बार बोलता आया हूं कि हर ई-कॉमर्स कंपनी को देश के कानून का सम्मान करना चाहिए, न केवल कागज़ पर, बल्कि उसकी भावना के अनुसार भी।”

व्यापारियों का आक्रोश और सरकार की चिंता

मंत्री की यह टिप्पणी उस समय आई है जब अखिल भारतीय व्यापारी महासंघ (CAIT) ने ब्लिंकिट, इंस्टामार्ट और ज़ेप्टो जैसे क्विक-कॉमर्स खिलाड़ियों पर किराना दुकानों के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है।

व्यापारियों के संगठन ने एक “श्वेत पत्र” जारी कर इन प्लेटफॉर्म्स पर FDI नियमों का दुरुपयोग करने और गहरे डिस्काउंट देकर अपने बढ़ते घाटे को छिपाने का आरोप लगाया है।

क्या कहते हैं नियम?

वर्तमान में, इन्वेंट्री आधारित मॉडल या मल्टी-ब्रांड रिटेलिंग में ई-कॉमर्स के लिए FDI प्रतिबंधित है। केवल उन मामलों में FDI की अनुमति है जहां कोई कंपनी थर्ड-पार्टी खरीदारों और विक्रेताओं को एक प्लेटफॉर्म पर व्यापार के लिए जोड़ने की सुविधा प्रदान करती है। हालांकि, यह प्लेटफॉर्म खुद इन्वेंट्री खरीद, रख और बेच नहीं सकता।

किराना दुकानों के लिए खतरा

यह पहली बार नहीं है जब मंत्री ने इस मुद्दे पर चिंता जताई है। अगस्त में भी उन्होंने क्विक-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के चलते किराना दुकानों को हो रहे नुकसान को लेकर सवाल उठाए थे। उनकी चिंता को डाटम इंटेलिजेंस के हालिया सर्वेक्षण ने और मज़बूती दी है।

सर्वेक्षण में खुलासा हुआ कि केवल 2024 में ही पारंपरिक किराना स्टोर्स से करीब $1.28 बिलियन (लगभग ₹10,600 करोड़) की बिक्री क्विक-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स की ओर स्थानांतरित हो सकती है।

10 शहरों के 300 किराना दुकान मालिकों के सर्वेक्षण में पाया गया कि इन प्लेटफॉर्म्स की तेज़ी से बढ़ती लोकप्रियता के कारण पारंपरिक रिटेल से दूर जाने की प्रक्रिया तेज़ हो रही है। 2030 तक क्विक-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स की बाजार कीमत $40 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है।

ब्लिंकिट, इंस्टामार्ट, ज़ेप्टो और बिगबास्केट जैसे प्लेटफॉर्म्स, जो मिनटों में सामान की डिलीवरी के लिए जाने जाते हैं, अब प्रमुख ऑनलाइन रिटेल चैनल बनते जा रहे हैं। डेटा के अनुसार, 67 प्रतिशत किराना दुकानों ने इन प्लेटफॉर्म्स के आगमन के बाद से बिक्री में गिरावट दर्ज की है।

Kavita Mishra
Kavita Mishrahttps://hindi.inventiva.co.in/
Kavita is a versatile content writer with a deep passion for news. Based in New Delhi, she has a keen interest in exploring the latest trends in the world of current affairs and delivering engaging content to her audience. Kavita has extensive experience working with Inventiva, where she honed her skills in content creation and developed a strong foundation in delivering high-quality, informative articles.
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