भारतीय रेलवे ने नवंबर के अंत तक 370 नियमित ट्रेनों में 1,000 से अधिक जनरल सेकंड क्लास (जीएस) कोच जोड़ने की योजना बनाई है। इस कदम से प्रतिदिन लगभग एक लाख यात्रियों को किफायती यात्रा का विकल्प मिलेगा। यह पहल विशेष रूप से व्यस्त यात्रा सीज़न में यात्रियों को राहत प्रदान करने और जनरल डिब्बों में भीड़भाड़ कम करने के उद्देश्य से की जा रही है।
दीर्घकालिक योजना: 2025 तक 10,000 नॉन-एसी कोच
आगे की योजना के तहत भारतीय रेलवे अगले दो वर्षों में 10,000 नॉन-एयर कंडीशन्ड (नॉन-एसी) कोच अपने बेड़े में शामिल करने का लक्ष्य रखता है। रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार के अनुसार, इनमें से 6,000 कोच जनरल सेकंड क्लास (जीएस) होंगे और शेष स्लीपर कोच के रूप में काम करेंगे। इस विस्तार से रेलवे नेटवर्क हर दिन अतिरिक्त आठ लाख यात्रियों को सेवा देने में सक्षम होगा।
बजट यात्रियों के लिए यात्रा क्षमता में सुधार
इन नॉन-एसी कोचों को शामिल करने का उद्देश्य भारतीय रेलवे की देशभर में यात्रा की सुलभता और किफायती दरों को सुधारना है। जनरल क्लास सेवाओं की क्षमता बढ़ाकर रेलवे प्रणाली यात्रा को और अधिक आरामदायक बनाने और विशेष रूप से त्योहारों और व्यस्त यात्रा सीज़न के दौरान भीड़भाड़ को कम करने का प्रयास कर रही है।
बेहतर सेवाओं के प्रति प्रतिबद्धता
कोचों की इस बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी से बजट यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारतीय रेलवे की प्रतिबद्धता का प्रमाण मिलता है। इस पहल से न केवल तुरंत एक लाख यात्री लाभान्वित होंगे, बल्कि आने वाले समय में लाखों और यात्रियों को भी इसका फायदा मिलेगा। यह कदम देश के यात्रा ढांचे और यात्रियों की संतुष्टि को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।