ओपनएआई ने एक गलती के चलते न्यूयॉर्क टाइम्स सहित कई प्रमुख अखबारों के अहम सबूत मिटा दिए, जो उनके खिलाफ चल रहे मुकदमे में बेहद महत्वपूर्ण थे। यह जानकारी एक रिपोर्ट से सामने आई है, जिसमें एक अदालती दस्तावेज का हवाला दिया गया है।
ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने वाशिंगटन के सिएटल में आयोजित माइक्रोसॉफ्ट बिल्ड कॉन्फ्रेंस में इस मामले पर बात की।
रिपोर्ट के अनुसार, न्यूयॉर्क टाइम्स और अन्य अखबारों की कानूनी टीम ने ओपनएआई के प्रशिक्षण डेटा में 150 घंटे से अधिक समय बिताया था, ताकि यह साबित किया जा सके कि उनके लेखों का इसमें इस्तेमाल हुआ है।
हालांकि, ओपनएआई ने इस गलती को एक “ग्लिच” बताया और डेटा को पुनः प्राप्त करने की कोशिश की, लेकिन जो डेटा बचाया गया, वह भी अधूरा और अविश्वसनीय था। इसका मतलब यह हुआ कि अब इसे अदालत में सबूत के रूप में उपयोग नहीं किया जा सकता।
न्यूयॉर्क टाइम्स के वकीलों ने भी कहा कि उनके पास यह मानने का कोई कारण नहीं है कि यह गलती जानबूझकर की गई थी।
न्यूयॉर्क टाइम्स का मुकदमा: क्या है मामला?
न्यूयॉर्क टाइम्स ने पिछले साल दिसंबर में ओपनएआई और माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। उनका दावा है कि इन कंपनियों ने अपनी एआई टूल्स को बनाने के लिए उनके “लाखों लेखों की नकल और उपयोग” किया, जिसके लिए “अरबों डॉलर” के जुर्माने और वास्तविक हर्जाने की मांग की गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, न्यूयॉर्क टाइम्स इस कानूनी लड़ाई में अब तक ₹8 करोड़ (1 मिलियन डॉलर) से अधिक खर्च कर चुका है, जो अधिकांश मीडिया संगठनों के लिए संभव नहीं है।
दूसरी ओर, यह मामला उस समय में उठा है जब ओपनएआई ने एक्सल स्प्रिंगर, कॉन्डे नास्ट और वॉक्स मीडिया जैसे अन्य प्रमुख प्रकाशकों के साथ समझौते किए हैं, ताकि इसी तरह की सामग्री से जुड़ी चिंताओं को दूर किया जा सके।