भारत में अगले 12 महीनों में घर खरीदना और आसान होने की संभावना है। जेएलएल के होम परचेज अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स के अनुसार, कोलकाता देश का सबसे सस्ता बड़ा शहर बना रहेगा, जबकि मुंबई 2025 तक आदर्श सामर्थ्य स्तर के करीब पहुंच जाएगा।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कुल 50 आधार अंकों की कटौती की संभावना जताई जा रही है, जो प्रमुख रिहायशी बाजारों में सामर्थ्य को बढ़ावा देगी। जेएलएल के अनुसार, 2024 में रिहायशी बिक्री का आंकड़ा 3,05,000 से 3,10,000 यूनिट तक पहुंचने की उम्मीद है। वहीं, 2025 में यह बढ़कर 3,40,000 से 3,50,000 यूनिट तक जा सकता है।
मुंबई और पुणे में चोटी आय वृद्धि और मध्यम कीमतों में बढ़ोतरी के चलते चोटी सामर्थ्य स्तर के करीब पहुंचने की संभावना है। कोलकाता नए सामर्थ्य स्तर हासिल करने की राह पर है, जिससे यह भारत का सबसे सस्ता बाजार बना रहेगा। दूसरी ओर, बेंगलुरु, हैदराबाद और दिल्ली-एनसीआर में भी सामर्थ्य में धीरे-धीरे सुधार देखने को मिलेगा, हालांकि ये शहर चोटी स्तर तक नहीं पहुंच पाएंगे।
रिहायशी बाजार की यह रफ्तार मजबूत मांग, आय वृद्धि और ब्याज दरों में संभावित नरमी के चलते बनी हुई है। जेएलएल इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री और रिसर्च एवं आरईआईएस प्रमुख समंतक दास के अनुसार, “स्वस्थ आय वृद्धि, संभावित दर कटौती और मध्यम मूल्य वृद्धि के संयोजन से सामर्थ्य में सुधार होगा और मध्यम अवधि में बाजार का प्रदर्शन मजबूत रहेगा।”
जेएलएल के आंकड़ों के अनुसार, 2011 से अब तक हैदराबाद में आवासीय कीमतों में 132% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो प्रमुख शहरों में सबसे अधिक है। वहीं, मुंबई में आय में 189% की वृद्धि हुई है, जो सभी शहरों में सबसे ज्यादा है।
जेएलएल का कहना है कि 2021 में सभी प्रमुख शहरों में सामर्थ्य अपने चरम पर थी। हालांकि, 2022 और 2023 में आवासीय कीमतों में वृद्धि और ब्याज दरों में स्थिरता के कारण affordability पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। लेकिन, आगामी ब्याज दर कटौती और आय में निरंतर वृद्धि के चलते, 2023 के आंकड़ों को पार करने की संभावना है, जिससे 2025 में घर खरीदारों के लिए अनुकूल माहौल बनेगा।