सर्दियों में कोहरे की वजह से कम दृश्यता के चलते सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों को सक्रिय कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। ये कदम दो श्रेणियों में बांटे गए हैं: इंजीनियरिंग उपाय और सुरक्षा जागरूकता उपाय।
इंजीनियरिंग उपाय:
- गायब या क्षतिग्रस्त सड़क संकेतों की पुनः स्थापना।
- फीकी या खराब पेवमेंट मार्किंग को सुधारना।
- सुरक्षा उपकरणों की दृश्यता बढ़ाने के लिए प्रतिबिंबित मार्कर और मीडियन मार्कर लगाना।
- दुर्घटनाजन्य क्षेत्रों में ट्रांसवर्स बार मार्किंग लगाना।
- मीडियन ओपनिंग पर सोलर ब्लिंकर्स लगाना।
- खतरनाक स्थानों पर क्षतिग्रस्त संकेतों की मरम्मत।
सुरक्षा जागरूकता उपाय:
सड़क उपयोगकर्ताओं को कम दृश्यता की स्थितियों के प्रति सतर्क करने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे, जिनमें शामिल हैं:
- वैरिएबल मैसेज साइन (VMS) या इलेक्ट्रॉनिक संकेतों का उपयोग करके कोहरे और गति सीमा की सूचना देना।
- पब्लिक एड्रेस सिस्टम से यात्रियों को कोहरे वाले क्षेत्रों में 30 किमी/घंटा की गति सीमा की चेतावनी देना।
- इलेक्ट्रॉनिक बिलबोर्ड, रेडियो और सोशल मीडिया के जरिए सार्वजनिक सेवा घोषणाएं।
- टोल प्लाजा और सड़क किनारे की सुविधाओं पर सुरक्षा जागरूकता पर्चे बांटना।
- हाईवे पर चलने वाले वाहनों की पूरी चौड़ाई में प्रतिबिंबित टेप लगाना।
अन्य उपाय:
NHAI की फील्ड टीमें नियमित रूप से रात में निरीक्षण करेंगी, जिसमें NHAI अधिकारी, स्वतंत्र इंजीनियर और ठेकेदार शामिल होंगे। इन निरीक्षणों का उद्देश्य दृश्यता का आकलन करना और आवश्यक सुधार करना है।
इसके अलावा, घने कोहरे वाले हिस्सों में पेट्रोलिंग वाहन तैनात किए जाएंगे। ऑपरेशन और मेंटेनेंस टीम लाल/हरे ब्लिंकिंग बैटन के साथ मौजूद रहेंगी ताकि दुर्घटनाओं की स्थिति में यातायात को नियंत्रित किया जा सके।
स्थानीय पुलिस, एंबुलेंस सेवाओं और नगर पालिकाओं के साथ समन्वय सुनिश्चित किया जाएगा। ट्रैफिक पुलिस के साथ संयुक्त अभ्यास भी किए जाएंगे ताकि आपात स्थिति में प्रभावी समन्वय हो सके।
NHAI ने पहले ही अपने क्षेत्रीय अधिकारियों को आर्थिक शक्तियां सौंपी हैं, ताकि दुर्घटनास्थलों के सुधार के लिए अल्पकालिक इंजीनियरिंग उपायों को लागू किया जा सके। इन उपायों से कोहरे में दृश्यता में सुधार और सड़क सुरक्षा में बढ़ोतरी होगी।