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Sunday, December 22, 2024
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केंद्र की सोलर सब्सिडी योजना में देरी: समाधान के लिए मंत्रालय सक्रिय

केंद्र सरकार की ‘पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना’ (PMSG:MBY) के तहत दी जाने वाली सोलर सब्सिडी में देरी का सामना करना पड़ रहा है। मुख्य रूप से डिजिटल प्रोसेसिंग की मानकीकरण की कमी और क्षमता निर्माण की समस्याओं के कारण यह देरी हो रही है। हालांकि, योजना को सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है।

ऊर्जा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस योजना के तहत अब तक 42% घरों को सब्सिडी नहीं मिली है। कुल 6.34 लाख छत पर सोलर पैनल लगाए गए हैं, लेकिन केवल 3.66 लाख लाभार्थियों को सब्सिडी दी गई है। आवेदन से इंस्टॉलेशन तक की प्रक्रिया भी अपेक्षा से धीमी है।

संसद में उठा मुद्दा

3 दिसंबर को राज्यसभा में इस समस्या को उठाया गया। इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री श्रीपाद नाइक ने बताया, “मंत्रालय आरईसी लिमिटेड, डिस्कॉम्स और वेंडर्स के साथ मिलकर योजना के कार्यान्वयन में आ रही चुनौतियों को दूर करने की कोशिश कर रहा है।”

उन्होंने कहा कि सब्सिडी 15 से 21 दिनों में जारी की जा रही है। अब तक 1.45 करोड़ पंजीकरण हुए हैं, जिनमें से 26.38 लाख आवेदन और 6.34 लाख इंस्टॉलेशन पूरे हो चुके हैं।

मानकीकरण की कमी बड़ी चुनौती

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्यों में बिजली विभाग के अलग-अलग आईटी सिस्टम हैं, जिससे आवेदन प्रक्रिया धीमी हो रही है। मंत्रालय एक एकीकृत डिजिटल सिस्टम विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है ताकि सभी डिस्कॉम्स इसे इस्तेमाल कर सकें।

दूसरा कारण वेंडर बेस की सीमित संख्या है। योजना के लॉन्च के बाद यह संख्या 7,000 से बढ़कर 17,500 हो गई है, लेकिन यह अभी भी अपर्याप्त है। मंत्रालय ने तकनीशियनों और इंजीनियरों के प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए हैं ताकि एक कुशल कार्यबल तैयार हो सके।

बैठकें और फैसले

15 नवंबर को ‘आरई चिंतन शिविर’ सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सभी राज्यों से 15 दिनों में सब्सिडी प्रक्रिया पूरी करने का आग्रह किया। हालांकि, बिजली कंपनियां इस समयसीमा का पालन करने में सक्षम नहीं हैं।

4 दिसंबर को मंत्रालय ने एक और बैठक की, जिसमें CSTEP, CEEW, TERI और NSEFI के विशेषज्ञों ने भाग लिया। मंत्रालय के अनुसार, जून 2024 में आदर्श आचार संहिता समाप्त होने के बाद सब्सिडी वितरण में तेजी आई है।

अब 10 किलोवाट से कम क्षमता के सोलर सिस्टम के लिए तकनीकी स्वीकृति की जरूरत नहीं है। आवेदन प्रक्रिया को डिजिटल और सरल बना दिया गया है।

भविष्य की योजनाएँ

मंत्रालय का लक्ष्य मार्च 2025 तक 10 लाख, अक्टूबर 2025 तक 20 लाख और मार्च 2026 तक 40 लाख इंस्टॉलेशन का है। मार्च 2027 तक एक करोड़ इंस्टॉलेशन का लक्ष्य रखा गया है।

राज्यों का प्रदर्शन

27 नवंबर तक गुजरात में सबसे ज्यादा 2.9 लाख इंस्टॉलेशन हुए हैं, जो कुल आंकड़ों का 46% है। महाराष्ट्र 1.3 लाख इंस्टॉलेशन के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि उत्तर प्रदेश में 53,423 घरों में सोलर पैनल लगे हैं। अरुणाचल प्रदेश में अभी योजना शुरू नहीं हुई है, जबकि अंडमान और सिक्किम में एक-एक घर में सोलर इंस्टॉलेशन हुआ है।

योजना का बजट:
29 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने ‘पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना’ को ₹75,021 करोड़ के बजट के साथ मंजूरी दी थी। इस योजना के तहत 1 करोड़ घरों में सोलर इंस्टॉलेशन का लक्ष्य रखा गया है।

2 किलोवाट तक के सिस्टम पर 60% और 2 से 3 किलोवाट क्षमता के सिस्टम पर 40% सब्सिडी दी जाएगी। अधिकतम सब्सिडी ₹78,000 तय की गई है। 1 किलोवाट के सिस्टम पर ₹30,000, 2 किलोवाट पर ₹60,000 और 3 किलोवाट या उससे ज्यादा के सिस्टम पर ₹78,000 सब्सिडी मिलेगी।

Kavita Mishra
Kavita Mishrahttps://hindi.inventiva.co.in/
Kavita is a versatile content writer with a deep passion for news. Based in New Delhi, she has a keen interest in exploring the latest trends in the world of current affairs and delivering engaging content to her audience. Kavita has extensive experience working with Inventiva, where she honed her skills in content creation and developed a strong foundation in delivering high-quality, informative articles.
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