मिष्टान फूड्स के शेयर 9 दिसंबर को लगातार दूसरे दिन 20% की निचली सर्किट पर बंद हुए, क्योंकि निवेशकों ने कंपनी के खिलाफ सेबी द्वारा जारी शो-कॉज नोटिस के बाद भारी बिकवाली की। यह नोटिस कंपनी के ₹100 करोड़ के फंड में गड़बड़ी और उसे समूह की अन्य कंपनियों के माध्यम से डायवर्ट करने के आरोपों पर जारी किया गया था।
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अश्विनी भाटिया ने मिष्टान फूड्स के वित्तीय विवरणों में “बड़े स्तर की गलतबयानी” को उजागर किया। सेबी के नोटिस के अनुसार, कंपनी ने “फर्जी या गैर-मौजूद संस्थाओं” के माध्यम से “काल्पनिक लेन-देन” दर्ज कर अपनी बिक्री और खरीदारी के आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया। इन फर्जी संस्थाओं को मिष्टान फूड्स के प्रमोटर्स और उनके रिश्तेदारों के नाम पर बनाया गया बताया गया है।
हालांकि, मिष्टान फूड्स ने सेबी के आरोपों को खारिज किया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसकी कानूनी टीम “सवालों का जवाब देने और उचित कदम उठाने के प्रयास कर रही है।”
इन घटनाओं के चलते पिछले सत्र में इस शेयर में भारी ट्रेडिंग वॉल्यूम देखा गया। शुक्रवार के सत्र में एक करोड़ शेयरों का कारोबार हुआ, जो पिछले एक महीने के दैनिक औसत 34 लाख शेयरों से काफी अधिक था। आज के सत्र में भी ट्रेडिंग वॉल्यूम अधिक था, क्योंकि अब तक 37 लाख शेयरों का लेन-देन हो चुका है।
कंपनी का बाज़ार पूंजीकरण ₹497 करोड़ है और साल की शुरुआत से अब तक यह शेयर 40% से अधिक गिर चुका है।