खुदरा महंगाई दर नवंबर में 5.48% पर पहुंच गई, जो अक्टूबर में दर्ज 6.21% की तुलना में धीमी वृद्धि है। यह जानकारी सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी की गई।
पिछले कई तिमाहियों से महंगाई का मुख्य कारण बने खाद्य पदार्थों के दाम 9.04% पर बने हुए हैं। हालांकि महंगाई दर में धीमी वृद्धि देखी गई है, लेकिन उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की 4% की सहनशीलता सीमा से ऊपर बनी हुई है। इस सीमा में दोनों ओर से 2% तक का विचलन शामिल है।
नवंबर में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर 9.04% रही, जो अक्टूबर के 10.47% की तुलना में कम है। अनाज की कीमतें 6.88% बढ़ीं, जो अक्टूबर में 6.94% की वृद्धि से थोड़ी कम हैं। दालों में महंगाई दर 7.43% दर्ज की गई, जो पिछले महीने 9.81% थी।
ज्यादातर विश्लेषकों ने अनुमान लगाया था कि नवंबर में खाद्य आपूर्ति में सुधार के कारण भारत की खुदरा महंगाई दर में हल्की गिरावट आ सकती है।
चिपचिपी खाद्य महंगाई, जिसने घरेलू बजट को प्रभावित किया है, भारतीय रिजर्व बैंक की मुख्य चिंता बनी हुई है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी मौद्रिक नीति समिति की इस साल की अंतिम बैठक में अपनी प्रमुख ब्याज दर 6.5% पर स्थिर रखी। हालांकि आर्थिक वृद्धि में गिरावट देखी गई है, लेकिन बैंक ने महंगाई के जारी जोखिमों को देखते हुए यह फैसला लिया।
भारतीय रिजर्व बैंक के लिए महंगाई और वृद्धि के बीच सही संतुलन बनाना सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। मंगलवार को अपने आखिरी आधिकारिक बयान में आरबीआई के निवर्तमान गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह बात कही।