नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने डिजिटल पेमेंट उपयोगकर्ताओं को ‘डिजिटल अरेस्ट’ नामक एक नए स्कैम के प्रति सतर्क किया है। इस स्कैम में साइबर अपराधी सरकारी अधिकारियों का रूप धारण करके लोगों को धमकाते हैं और उनसे पैसा ट्रांसफर करने या संवेदनशील जानकारी साझा करने के लिए मजबूर करते हैं। NPCI ने इस तरह के स्कैम से बचने के लिए विस्तृत मार्गदर्शन दिया है।
NPCI का कहना है, “डिजिटल पेमेंट्स अब पूरे देश में उपलब्ध हैं, जो भारत को डिजिटल-प्रथम अर्थव्यवस्था की ओर ले जा रहे हैं। यह सुविधा और सुरक्षा दोनों प्रदान करते हैं। हालांकि, इनका सुरक्षित उपयोग और ऑनलाइन स्कैम से बचाव बेहद ज़रूरी है। संभावित स्कैम को समय पर पहचानना आपको और आपके प्रियजनों को सुरक्षित रखने में मदद करता है, जिससे हर किसी के लिए एक सुरक्षित और कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था बनाई जा सके।”
क्या है ‘डिजिटल अरेस्ट’ स्कैम?
यह स्कैम एक परिष्कृत साइबर धोखाधड़ी है। इसमें ठग खुद को कानून प्रवर्तन एजेंसियों या वित्तीय नियामकों के अधिकारी बताकर लोगों को डराने और फर्जी आरोप लगाकर उनसे पैसा वसूलने या संवेदनशील जानकारी लेने का प्रयास करते हैं।
ठगों के सामान्य तरीके:
- अधिकारियों का रूप धारण: ठग खुद को पुलिस, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) या आयकर विभाग के अधिकारी बताकर, पीड़ित पर मनी लॉन्ड्रिंग या कर चोरी जैसे अपराधों में शामिल होने का आरोप लगाते हैं।
- डराने-धमकाने की रणनीति: ठग डराने वाले शब्दों का उपयोग करके तत्काल कार्रवाई की मांग करते हैं और गिरफ्तारी की धमकी देते हैं। वे वीडियो कॉल के जरिए वर्दी में दिखने या नकली पुलिस स्टेशन जैसा माहौल बनाने का नाटक कर सकते हैं।
- पैसे या व्यक्तिगत जानकारी की मांग: पीड़ित से “नाम साफ़” करने के बहाने पैसा ट्रांसफर करने या गोपनीय जानकारी साझा करने को कहा जाता है।
कैसे पहचानें और बचें इस स्कैम से:
NPCI ने इस स्कैम से बचने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए हैं:
- सतर्क रहें: किसी भी अप्रत्याशित कॉल या संदेश, जिसमें व्यक्ति खुद को अधिकारी बताता हो, को सावधानी से लें। उनकी बातों की स्वतंत्र रूप से जांच करें।
- जल्दबाजी से बचें: ठग डर और जल्दबाजी का फायदा उठाते हैं। कोई भी निर्णय लेने से पहले स्थिति की प्रामाणिकता को सत्यापित करें।
- गोपनीय जानकारी न दें: कोई भी वैध एजेंसी फोन या वीडियो कॉल के जरिए व्यक्तिगत जानकारी, भुगतान या खाता विवरण की मांग नहीं करती।
- संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करें: यदि आपको किसी स्कैम का संदेह हो, तो उस फोन नंबर या जानकारी को राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन (1930) पर या दूरसंचार विभाग की वेबसाइट (https://sancharsaathi.gov.in/sfc/) पर रिपोर्ट करें।
NPCI ने नागरिकों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और किसी भी तरह की ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए इन दिशा-निर्देशों का पालन करें।