जीएसटी अधिकारियों ने अप्रैल से अक्टूबर 2024 के बीच 17,818 फर्जी कंपनियों द्वारा इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) की चोरी के मामलों में ₹35,132 करोड़ की गड़बड़ी का पता लगाया है। सरकार ने सोमवार को संसद को यह जानकारी दी।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में लिखित उत्तर में बताया कि केंद्रीय और राज्य अधिकारियों द्वारा डेटा एनालिटिक्स और अन्य खुफिया तरीकों के जरिए फर्जी कंपनियों की पहचान करने के लिए नियमित कार्रवाई की जाती है।
मंत्री के लिखित उत्तर के अनुसार, 16 अगस्त से 30 अक्टूबर तक एक समन्वित विशेष अभियान चलाया गया, जिसके दौरान फर्जी कंपनियों की पहचान की गई।
उन्होंने कहा, “वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान अप्रैल 2024 से अक्टूबर 2024 तक 18,876 आईटीसी धोखाधड़ी के मामलों का पता लगाया गया, जिसमें 17,818 फर्जी कंपनियां शामिल थीं। इन मामलों में ₹35,132 करोड़ की आईटीसी चोरी की आशंका है।”
चौधरी ने बताया कि इन मामलों में ₹6,484 करोड़ की राशि बचाई गई है, जिसमें ₹5,422 करोड़ आईटीसी को ब्लॉक करने और ₹1,062 करोड़ की वसूली के जरिए बचाए गए हैं।
इस वित्तीय वर्ष के अक्टूबर तक इन मामलों में कुल 69 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
मंत्री ने अपने उत्तर में यह भी बताया, “मास्टरमाइंड्स को पकड़ने और कार्रवाई करने के लिए सीजीएसटी अधिनियम में पर्याप्त कानूनी प्रावधान मौजूद हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि “राज्य और केंद्रीय जीएसटी विभागों के प्रवर्तन प्रमुखों का राष्ट्रीय सम्मेलन समय-समय पर आयोजित किया जाता है। अब तक ऐसे दो सम्मेलन आयोजित हो चुके हैं। इन सम्मेलनों में प्रवर्तन से जुड़ी गतिविधियों और व्यापार सुगमता के साथ प्रवर्तन कार्रवाई के संतुलन पर विचार-विमर्श किया गया है।”