अरबपति गौतम अदानी के समूह ने सोमवार को अपने नकद भंडार और मुनाफे की जानकारी दी, जो कर्ज की देनदारियों को पूरा करने और विकास योजनाओं के लिए पर्याप्त है। यह प्रस्तुति अमेरिकी भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद निवेशकों को भरोसा दिलाने के उद्देश्य से की गई।
बंदरगाह से ऊर्जा क्षेत्र तक फैले इस समूह के चेयरमैन अदानी और दो अन्य अधिकारियों पर अमेरिकी अदालत में भारतीय अधिकारियों को सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए कथित तौर पर रिश्वत देने का आरोप है। निवेशकों के साथ साझा की गई प्रस्तुति में समूह ने ₹55,024 करोड़ के नकदी भंडार की जानकारी दी, जो अगले 28 महीनों तक दीर्घकालिक कर्ज अदायगी के लिए पर्याप्त है।
पिछले पांच वर्षों की तुलना में समूह की कुल संपत्ति निर्माण में अब लगभग दो-तिहाई हिस्सेदारी इक्विटी की है। बीते छह महीनों में समूह ने कुल ₹75,227 करोड़ का निवेश किया, जबकि इस अवधि में कर्ज में मात्र ₹16,882 करोड़ की वृद्धि हुई।
निवेशकों के लिए नोट में खुलासा:
प्रस्तुति के साथ एक नोट भी साझा किया गया, जिसमें अदानी समूह की नकदी स्थिति का वर्णन किया गया। नोट के अनुसार, “अदानी पोर्टफोलियो कंपनियों के पास अगले 12 महीनों की सभी कर्ज अदायगी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त नकदी है। 30 सितंबर 2024 तक, पोर्टफोलियो कंपनियों के पास ₹53,024 करोड़ की नकदी थी, जो कुल सकल कर्ज का 21 प्रतिशत है।”
यह राशि अगले 28 महीनों की कर्ज अदायगी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त बताई गई।
कर्ज-मुक्त विकास पर जोर:
समूह ने पहले घोषणा की थी कि अगले 10 वर्षों में पोर्टफोलियो कंपनियों में ₹8 लाख करोड़ (यूएसडी 100 बिलियन) से अधिक का निवेश किया जाएगा।
पिछले 12 महीनों में समूह का ऑपरेटिंग कैश फ्लो (FFO) ₹58,908 करोड़ रहा, जो पिछले पांच वर्षों में 30% से अधिक की दर से बढ़ा है। यह संकेत दिया गया कि अगले 10 वर्षों में आंतरिक नकदी से ₹5.9 लाख करोड़ का निवेश संभव है, जिससे बाहरी कर्ज पर निर्भरता बेहद कम हो जाएगी।
प्रस्तुति में बताया गया कि पिछले 12 महीनों में EBITDA (ब्याज, टैक्स, और मूल्यह्रास से पहले की आय) ₹83,440 करोड़ रहा, जिसमें 17% की वृद्धि हुई।
ऋण और उधारी:
समूह का औसत उधारी लागत 8.2% है, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे कम है। दीर्घकालिक घरेलू बैंकों का कर्ज ₹94,400 करोड़ है, जबकि ₹53,024 करोड़ नकदी मुख्यतः भारतीय बैंकों में जमा है।
वैश्विक बैंकों से उधारी कुल कर्ज का 27% है।
आरोपों पर समूह की प्रतिक्रिया:
अमेरिकी अदालत में गौतम अदानी और उनके भतीजे सागर अदानी सहित सात अन्य पर $265 मिलियन (लगभग ₹2,200 करोड़) की रिश्वतखोरी के आरोप लगाए गए हैं।
इस खबर के बाद अदानी समूह के इक्विटी और बॉन्ड की कीमतों में गिरावट आई। समूह ने $600 मिलियन का बॉन्ड बिक्री सौदा रद्द कर दिया।
समूह ने इन आरोपों को आधारहीन बताते हुए सभी कानूनी विकल्प अपनाने की बात कही। CFO जुगेशिंदर रॉबी सिंह ने कहा कि समूह कानूनी दस्तावेजों की समीक्षा और परामर्श के बाद अपना जवाब देगा।