निजी विमानन कंपनी एयर इंडिया ने शुक्रवार को एयरबस A350 विमानों से अपनी अल्ट्रा-लॉन्ग-हॉल सेवा की शुरुआत की। एयरबस A350 विमान को दिल्ली से न्यूयॉर्क मार्ग पर तैनात किया गया है।
इस महत्वपूर्ण कदम के बावजूद, एयर इंडिया वर्तमान में अमेरिका के विभिन्न गंतव्यों के लिए 15 नवंबर से 31 दिसंबर तक लगभग 60 उड़ानें अस्थायी रूप से रद्द करने की योजना पर काम कर रही है। कंपनी का कहना है कि यह निर्णय उसके चौड़े-ढांचे वाले कुछ विमानों की उपलब्धता न होने के कारण लिया गया है, जो मेंटेनेंस और सप्लाई चेन में आने वाली समस्याओं से जूझ रहे हैं। एयरबस A350-900 विमान को दिल्ली से न्यूयॉर्क की उड़ान के बाद, एयर इंडिया ने घोषणा की कि वह अगले साल 2 जनवरी से दिल्ली से न्यूर्क के लिबर्टी इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक सप्ताह में पांच दिन A350 सेवा शुरू करेगा।
एयर इंडिया के पास वर्तमान में छह एयरबस A350-900 विमान हैं। आमतौर पर, अल्ट्रा-लॉन्ग-हॉल उड़ानें 16 घंटे या उससे अधिक की होती हैं, और एयर इंडिया उत्तरी अमेरिका तक इस तरह की उड़ानें संचालित करती है। घाटे में चल रही एयर इंडिया ने अपना पहला A350-900 विमान पिछले साल दिसंबर में बेड़े में शामिल किया था।
इस विमान को पहले घरेलू मार्गों पर तैनात किया गया और फिर लंदन सहित कुछ मीडियम-लॉन्ग इंटरनेशनल उड़ानों पर तैनात किया गया। एयर इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैंपबेल विल्सन के अनुसार, “दिल्ली से लंदन-हीथ्रो मार्ग पर इस विमान की शुरुआत के बाद से ही ग्राहक अनुभव और प्रतिक्रिया काफी सकारात्मक रही है, और अब हमें इसे न्यूयॉर्क में भी शुरू करने का उत्साह है।”
हालांकि, एक दिलचस्प प्रश्न यह उठता है कि जहां एयर इंडिया अपने ग्राहकों को नई सुविधाओं का वादा कर रही है, वहीं मौजूदा फ्लाइट्स के रद्द होने से यात्रियों को हो रही असुविधा का कौन जिम्मेदार है? पहले से घाटे में चल रही एयरलाइन ने एक ओर एयरबस A350 जैसी आधुनिक सुविधाओं के नाम पर दिखावा किया, वहीं दूसरी ओर, उसके ही यात्री आखिरी समय में कैंसल हो रही फ्लाइट्स का खामियाजा भुगत रहे हैं।
एयर इंडिया ने घोषणा की है कि वह 2025 में अपने मौजूदा विमानों के इंटीरियर को पूरी तरह से नया करने की योजना बना रही है।