भारतीय बाजार नियामक संस्था ने फिनफ्लुएंसर ‘Baap of Chart’ उर्फ मोहम्मद नासिरुद्दीन अंसारी और उनके सहयोगियों को निवेशकों से फीस के रूप में वसूले गए ₹17.2 करोड़ लौटाने का अंतिम आदेश जारी किया है।
इस आदेश में मोहम्मद नासिर अंसारी, राहुल राव पडमाटी और उनकी कंपनी Golden Syndicate Ventures Pvt Ltd (GSVPL) को ₹16.89 करोड़ की सबसे बड़ी राशि लौटाने को कहा गया है। शेष राशि चार अन्य लोगों के बीच बांटी गई है।
साथ ही, नासिर को एक साल के लिए और अन्य छह लोगों को छह महीने के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
पिछले वर्ष अक्टूबर में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक अंतरिम आदेश पारित कर ‘Baap of Chart’ और उनके सहयोगियों के खिलाफ इसी तरह के निर्देश दिए थे। 2 दिसंबर को जारी किया गया यह आदेश अंतिम रूप है।
SEBI का निष्कर्ष:
SEBI के पूर्णकालिक सदस्य अमरजीत सिंह ने अपने आदेश में कहा, “मेरे विचार में, नासिर जैसे अपंजीकृत निवेश सलाहकार निवेशकों को गुमराह कर बड़ी जोखिम में डाल सकते हैं। बिना पंजीकृत आईए प्रमाणपत्र के नासिर और अन्य आरोपियों ने निवेश परामर्श सेवाएं दीं और निवेशकों को अवास्तविक रिटर्न का वादा किया।”
सिंह ने यह भी कहा कि नासिर ने यह जानते हुए भी गलत वादे किए कि उन्होंने खुद शेयर बाजार में व्यापार करते हुए नुकसान उठाए थे। नासिर द्वारा YouTube पर डाले गए वीडियो को भी निवेशकों को भ्रमित करने और उन्हें अपने कोर्स में शामिल करने की रणनीति बताया गया।
SEBI के अनुसार, नासिर और उनके सहयोगियों ने अंतरिम आदेश में दिए गए निर्देशों का पालन करने में असफलता दिखाई।
व्यापार में भारी नुकसान छुपाए गए:
आदेश में यह भी कहा गया कि नासिर ने ₹2.89 करोड़ के नुकसान को छुपाया और ग्राहकों को निश्चित रिटर्न का झांसा देकर गुमराह किया।
आदेश के मुताबिक, उनकी वेबसाइट पर नासिर को एक “स्टॉक मार्केट विज़” के रूप में पेश किया गया है। वेबसाइट पर दावा किया गया कि उनकी एल्गोरिदम “BoC” 95% की सटीकता के साथ लगातार लाभ कमाने में सक्षम है। हालांकि, SEBI ने इस दावे को उनके वास्तविक व्यापारिक रिकॉर्ड के आधार पर असत्य पाया।
नासिर ने अपने बचाव में कहा कि उनके निजी चुनौतियों और बाजार की अनिश्चित स्थितियों के कारण उन्हें व्यापार में नुकसान हुआ। लेकिन SEBI ने यह साफ किया कि नासिर ने यह जानकारी अपने ग्राहकों से छुपाई और उन्हें गुमराह किया।
निष्कर्ष: SEBI ने नासिर और अन्य दोषियों को दोषी मानते हुए निवेशकों से वसूली गई रकम लौटाने और बाजार में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है।