BharatPe ने अपने पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के साथ एक अंतिम समझौते पर सहमति बनाई है। इस समझौते के तहत, दोनों के बीच वर्षों से चल रहा विवाद अब समाप्त हो गया है। समझौते के अनुसार, अशनीर ग्रोवर अब BharatPe के साथ किसी भी रूप में जुड़े नहीं रहेंगे, न ही कंपनी में उनकी कोई हिस्सेदारी रहेगी।
BharatPe ने विवाद को समाप्त करते हुए यह साफ किया कि अशनीर ग्रोवर अब कंपनी से किसी प्रकार का संबंध नहीं रखेंगे। उनकी हिस्सेदारी एक पारिवारिक ट्रस्ट के माध्यम से प्रबंधित की जाएगी और दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से कानूनी मामले भी वापस ले लिए हैं।
BharatPe के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि अशनीर ग्रोवर की कुछ हिस्सेदारी को Resilient Growth Trust को स्थानांतरित किया जाएगा, जिससे BharatPe को लाभ होगा और उनकी शेष हिस्सेदारी उनके पारिवारिक ट्रस्ट द्वारा प्रबंधित की जाएगी। प्रवक्ता ने यह भी कहा, “हम श्री ग्रोवर को शुभकामनाएँ देते हैं। BharatPe अपने व्यापारियों और ग्राहकों को उद्योग में अग्रणी समाधान प्रदान करने और लाभदायक वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगा।”
अब सवाल यह उठता है कि जब BharatPe को अपनी ‘लाभदायक वृद्धि’ पर इतना भरोसा है, तो क्या अशनीर ग्रोवर से अलग होने के बाद कंपनी वाकई में उसी ऊँचाई पर पहुंच पाएगी, जहाँ उसे एक बार ग्रोवर ने खड़ा किया था? या फिर यह सिर्फ एक ‘कॉर्पोरेट ड्रामा’ है जिसमें हर कोई खुद को नायक साबित करना चाहता है?