अंतरराष्ट्रीय विमान निर्माता कंपनी बोइंग ने 17,000 नौकरियों या अपने वैश्विक कर्मचारियों के 10% को कम करने का निर्णय लिया है। इस फैसले के बारे में रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में बताया गया कि बोइंग अपने कर्मचारियों को इस सप्ताह नोटिस जारी कर रही है। जिन कर्मचारियों को नोटिस मिल रहे हैं, वे जनवरी तक कंपनी के पेरोल पर रहेंगे, क्योंकि अमेरिकी कानून के तहत नौकरी समाप्ति से पहले 60 दिन का नोटिस देना अनिवार्य है।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब बोइंग के नए सीईओ केली ऑर्टबर्ग अपनी सबसे अधिक बिकने वाले विमान 737 मैक्स के उत्पादन को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं। गौरतलब है कि अक्टूबर में ही बोइंग ने $24 बिलियन से अधिक की राशि जुटाई थी, लेकिन हाल में लगभग 33,000 यूएस वेस्ट कोस्ट के कर्मचारियों की एक बड़ी हड़ताल के कारण इसके अधिकांश विमानों का उत्पादन ठप हो गया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर के मध्य में वर्कर एडजस्टमेंट एंड रीट्रेनिंग नोटिफिकेशन (WARN) भेजा जाना अपेक्षित था, और बोइंग ने अपने बयान में कहा कि, “जैसा कि पहले ही बताया गया है, हम अपने वित्तीय वास्तविकता और प्राथमिकताओं के अनुसार कार्यबल का पुनर्गठन कर रहे हैं। हम इस चुनौतीपूर्ण समय में अपने कर्मचारियों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
हालांकि, कर्मचारियों का मनोबल पिछले कुछ महीनों से इस निर्णय के कारण लगातार गिर रहा है। बुधवार को कई कर्मचारी फोन कॉल या ज़ूम मीटिंग का इंतजार करते रहे ताकि उन्हें पता चल सके कि उनकी नौकरी बचेगी या नहीं।
तंज कसते हुए टिप्पणी: यह विडंबना ही है कि एक समय में दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित विमान निर्माताओं में से एक कंपनी आज इतनी बड़ी संख्या में अपने कर्मचारियों को निकाल रही है। जनवरी से संकट दर संकट का सामना कर रही कंपनी—एक ऐसा विमान जिसके उड़ान के दौरान दरवाजा खुल जाने जैसी सुरक्षा चूकों से लेकर सीईओ का इस्तीफा और नियामकों द्वारा सुरक्षा संस्कृति की जांच तक—इन सभी घटनाओं के बाद भी कंपनी अपने कर्मचारियों की छंटनी में कोई कोताही नहीं बरत रही है। सवाल यह है कि क्या इस कंपनी का भविष्य अपने कर्मचारियों के भविष्य से अधिक मायने रखता है?