छत्तीसगढ़ में एक व्यवसायी पर महिला जीएसटी विभाग अधिकारी को धमकाने का आरोप लगाया गया है। व्यवसायी ने दावा किया था कि उसके पास सरकार को प्रभावित करने की शक्ति है। इसके साथ ही, विभाग ने उसकी संपत्ति की भी तलाशी ली, क्योंकि वह अधिकारी को गुमराह करने की कोशिश कर रहा था।
इस बातचीत का ऑडियो रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर साझा किया गया।
वायरल हुए ऑडियो में दावा किया गया कि जीएसटी कर्मचारी एक स्थान और पंजीकृत परिसरों की प्रामाणिकता की जांच करने के लिए बाहर गए थे। जब वह अधिकारी उसे स्थान का सटीक पता पूछती हैं, तो एक निजी कंपनी के व्यवसायी ने धमकी दी कि वह अपनी प्रभावशाली स्थिति का इस्तेमाल कर सकता है। इस ऑडियो में व्यवसायी यह कहते हुए सुने गए, “क्या मैं ओपी चौधरी को बुलाऊं? सरकार हमारी है, मैं उन्हें कह दूंगा कि आप एक लाख रुपये मांग रहे हैं।”
बातचीत के दौरान व्यवसायी अधिकारी से यह सवाल करता है कि उसे निरीक्षण करने का अधिकार किसने दिया और यह आरोप लगाता है कि अधिकारी ने झूठा दावा किया कि उसका व्यवसाय चालू नहीं है। अधिकारी ने बार-बार इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि वह केवल अपनी ड्यूटी निभा रही थीं, लेकिन व्यवसायी ने लगातार बदतमीजी और धमकी दी।
ऑडियो का अंत व्यवसायी द्वारा यह दावा करते हुए हुआ कि उसने “सरकार बनाई” और इस स्थिति पर अपने प्रभाव को और अधिक स्पष्ट किया।
जीएसटी अधिकारी ने स्पष्ट किया कि अधिकारी से कोई पैसे की मांग नहीं की गई थी और व्यवसायी का व्यवहार अनुचित था। उन्होंने कहा, “व्यवसायी ने सरकारी काम में रुकावट डाली है, और हम उसके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।”
जीएसटी विभाग संदिग्ध फर्मों और झूठी संचालन की जांच कर रहा है। शिकायतों के बाद विभाग ने दो व्यवसायों की जांच की थी। ये कार्रवाई सरकारी प्रयासों के तहत व्यवसायों के संचालन की सत्यता की जांच करने और जीएसटी अधिनियम के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए की गई थी।
शुक्रवार को जांच के बाद विभाग ने दो व्यवसायों से जीएसटी अधिनियम के अनुपालन में कमी के कारण संपत्ति जब्त की। इसके अतिरिक्त, जीएसटी अधिकारियों ने व्यवसायी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, जिसमें उन्होंने जांच के दौरान अधिकारियों को धमकी दी और उनके कार्यों में रुकावट डाली।