पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार, दक्षता बढ़ाने और सतत विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कस्टम कार्गो सेवा प्रदाताओं (CCSPs) के लिए महत्वपूर्ण रियायतें पेश की हैं।
मुख्य रियायतें इस प्रकार हैं:
भंडारण में सामान की बीमा अवधि में छूट:
कस्टम कार्गो सेवा प्रदाताओं (CCSPs) को पहले कस्टम क्षेत्रों में रखे गए सामान का बीमा करने के लिए 10 दिनों की अवधि निर्धारित की गई थी, जो ‘हैंडलिंग ऑफ कार्गो इन कस्टम्स एरियाज रेगुलेशंस, 2009’ के तहत थी। अब इसे व्यापार सुविधा के रूप में घटाकर 5 दिन कर दिया गया है। यह कदम इन संस्थाओं के लिए नकदी प्रवाह बढ़ाने में मदद करेगा और उनकी लागत में कमी लाएगा।
लाइसेंस नवीकरण प्रक्रिया में राहत:
उच्च अंतरराष्ट्रीय मानकों (AEO) का पालन करने वाले प्रतिष्ठित कस्टम कार्गो सेवा प्रदाताओं को अब अपने लाइसेंस के नवीकरण की प्रक्रिया से छूट दी गई है। इनके लाइसेंस अब एईओ ऑथराइजेशन के साथ समकालिक हो गए हैं। इससे लॉजिस्टिक्स ऑपरेटरों को व्यापार में आसानी होगी और वे बिना अतिरिक्त कागजी कार्यवाही के काम कर सकेंगे।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि “इन उपायों का उद्देश्य CCSPs के लिए परिचालन लागत और अनुपालन बोझ को कम करना है, जो आयातित और निर्यातित माल के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।”
ये बदलाव सरकार की उस सतत नीति का हिस्सा हैं, जो EXIM संचालन में दक्षता बढ़ाने, वैश्विक व्यापार को सुगम बनाने और लागत व अनुपालन बोझ को कम करने पर केंद्रित है।
सीबीआईसी के इन प्रयासों से न केवल लॉजिस्टिक्स लागत में कमी की उम्मीद है, बल्कि यह परिचालन दक्षता को भी बढ़ाएगा और वैश्विक व्यापार में भारत की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति को भी सुदृढ़ करेगा।