जापान की प्रमुख एयर कंडीशनिंग निर्माता कंपनी, डाइकिन इंडस्ट्रीज, ने अपनी भारतीय सहायक कंपनी में 1400 करोड़ रुपये का महत्वपूर्ण निवेश किया है। यह अब तक का उनका सबसे बड़ा पूंजी निवेश है, जिसका उद्देश्य तैयार माल और पुर्जों का स्थानीय उत्पादन बढ़ाना है।
डाइकिन इंडस्ट्रीज: निवेश विवरण
हाल ही में डाइकिन एयर कंडीशनिंग इंडिया द्वारा कंपनी रजिस्ट्रार (RoC) के साथ की गई नियामक फाइलिंग के अनुसार, यह निवेश दो चरणों में किया गया: जून में 600 करोड़ रुपये और अगस्त में 800 करोड़ रुपये। इस दूसरे चरण के बाद, सहायक कंपनी की चुकता शेयर पूंजी 1582.9 करोड़ रुपये तक बढ़ गई। कंपनी ने मई में अपनी अधिकृत शेयर पूंजी को 1500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3000 करोड़ रुपये कर दिया है, जिससे भविष्य के पूंजी निवेश के लिए जगह छोड़ी गई है।
ये फाइलिंग यह दिखाती हैं कि बढ़ी हुई अधिकृत शेयर पूंजी डाइकिन के चल रहे व्यवसाय विस्तार को समर्थन देगी, जिसमें आंध्र प्रदेश के श्री सिटी में उसके संयंत्र के दूसरे चरण का निर्माण शामिल है, और ब्याज खर्चों को कम करने में मदद करेगी।
डाइकिन इंडस्ट्रीज: रणनीतिक विस्तार
डाइकिन एयर कंडीशनिंग इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, केजे जावा, ने कहा कि यह फंड विनिर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाएगा, विशेष रूप से कंप्रेसर जैसे पुर्जों के उत्पादन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। डाइकिन का लक्ष्य अपने एयर कंडीशनरों की स्थानीयकरण दर को 75 से बढ़ाकर लगभग 90 प्रतिशत करना है, जिससे भारत के उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (PLI) योजना में उनकी नेतृत्व क्षमता मजबूत होगी।
जावा ने आगे बताया कि 1400 करोड़ रुपये का मुख्य रूप से निर्माण, अनुसंधान और विकास अवसंरचना, कौशल विकास, ब्रांड प्रचार और आंतरिक संचालन में उपयोग किया जाएगा। यह निवेश उनके 75 एकड़ के विनिर्माण परिसर की क्षमता को अधिकतम करने के लिए है, जिसमें श्री सिटी में एक कंप्रेसर और उपकरण निर्माण कारखाना शामिल है।
डाइकिन इंडिया, टाटा के स्वामित्व वाले वोल्टास, LG इलेक्ट्रॉनिक्स और हवेल्स के स्वामित्व वाले लॉयड सहित 30,000 करोड़ रुपये के भारतीय एयर कंडीशनिंग बाजार में प्रमुख खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही है।