रक्षा मंत्रालय ने गोवा स्थित ईपीसी ठेकेदार, चौगुले एंड कंपनी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत भारतीय तटरक्षक बल के लिए 387.44 करोड़ रुपये की लागत से छह होवरक्राफ्ट खरीदे जाएंगे।
यह होवरक्राफ्ट भारत में पहली बार बनाए जाएंगे, जो आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण का हिस्सा हैं। इसे सरकार द्वारा नौवहन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। रक्षा मंत्रालय के प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) के अनुसार, इस परियोजना से इस क्षेत्र में शामिल घरेलू सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (MSME) की तकनीकी जानकारी को बढ़ावा मिलेगा और उनकी वृद्धि में सहयोग होगा।
होवरक्राफ्ट एक ऐसा वाहन होता है, जिसका पूरा या अधिकांश भार निरंतर उत्पन्न की गई हवा की गद्दी (एयर कुशन) पर टिका होता है, इसलिए इसे एयर कुशन व्हीकल (ACV) भी कहा जाता है।
ये होवरक्राफ्ट भारतीय तटरक्षक बल की समुद्री सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत करेंगे और इन्हें तटीय गश्ती, खोज एवं बचाव अभियानों, और संकटग्रस्त जहाजों एवं नावों की सहायता जैसे कई समुद्री भूमिकाओं के लिए तैनात किया जाएगा।
इसके अलावा, भारतीय तटरक्षक बल 12 हैवी ड्यूटी एयर कुशन व्हीकल (HDACV) खरीदने की भी योजना बना रहा है, जो तटीय गश्ती और अन्य संबंधित कार्यों के लिए उपयोग किए जाएंगे।
हाल ही में तटरक्षक बल ने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्ता से बेदखली के बाद हुई अशांति के दौरान भारत में अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए समुद्री सीमा पर निगरानी के लिए होवरक्राफ्ट तैनात किए थे।