दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंचने के कारण ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-4) लागू कर दिया गया है। इसके चलते व्यापार, पर्यटन और निर्माण क्षेत्रों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। व्यवसायों पर प्रतिबंध और निवासियों में स्वास्थ्य को लेकर बढ़ती चिंताओं ने आर्थिक गतिविधियों को बुरी तरह प्रभावित किया है।
खुदरा बाजारों में गिरावट
चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने बताया कि दिल्ली के खुदरा बाजारों में ग्राहकों की संख्या में भारी गिरावट देखी जा रही है। पिछले एक महीने में व्यापारियों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है, जिससे लोग सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बच रहे हैं। इसका सीधा असर बाजारों पर पड़ा है।
ग्राहकों की संख्या में भारी गिरावट
प्रदूषण के चरम पर पहुंचने से पहले, NCR क्षेत्रों से दिल्ली के बाजारों में प्रतिदिन 3-4 लाख लोग आते थे। अब यह संख्या घटकर मात्र 1 लाख रह गई है। इसके चलते व्यापारियों को प्रतिदिन लगभग ₹100 करोड़ का नुकसान हो रहा है। इसके अलावा, लोग ऑनलाइन शॉपिंग की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे ऑफलाइन खुदरा विक्रेताओं की समस्याएं और बढ़ गई हैं।
CTI के अनुमान के अनुसार, एक महीने में दिल्ली के व्यवसायों को कुल ₹2,500 करोड़ का नुकसान हुआ है। ग्राहक गतिविधियों में कमी और GRAP-4 के तहत लगे प्रतिबंधों के कारण फुटफॉल और वाहन-आधारित लॉजिस्टिक्स पर निर्भर उद्योगों को भारी झटका लगा है।
निर्माण क्षेत्र में संकट
निर्माण कार्यों पर लगे प्रतिबंधों के कारण बड़े प्रोजेक्ट्स में देरी हो रही है और लागत बढ़ रही है। CTI के महासचिव गुरमीत अरोड़ा और वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक गर्ग ने बताया कि निर्माण कार्य रुकने से कई दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। इससे इन श्रमिकों के लिए आर्थिक संकट और गहरा गया है।
पर्यटन और शादी के सीजन पर असर
दिल्ली के प्रदूषण संकट ने शादी और पर्यटन के सीजन को भी प्रभावित किया है। 200 से अधिक कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं क्योंकि आयोजक और मेहमान दिल्ली आने से बच रहे हैं। इससे पर्यटन और कार्यक्रमों से जुड़े स्थानीय व्यवसायों पर और दबाव बढ़ गया है।
उपभोक्ता खर्च और आर्थिक गतिविधियों में गिरावट
टीवी, अखबारों और सोशल मीडिया पर दिल्ली की गिरती वायु गुणवत्ता की खबरें छाई हुई हैं, जिससे लोग बाहरी गतिविधियों में भाग लेने से कतरा रहे हैं। स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं और प्रतिबंधों के कारण उपभोक्ता खर्च और व्यापारिक गतिविधियों में गिरावट आई है, जिससे राजधानी की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है।