डॉ. रेड्डीज़ लैबोरेट्रीज के शेयरों में 9 अक्टूबर की सुबह 1 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे यह 6,755 रुपये पर पहुँच गया। इस वृद्धि का कारण इसकी सहायक कंपनी, औरिजीन ऑन्कोलॉजी लिमिटेड द्वारा अपने पहले क्लिनिकल ट्रायल में मिले सकारात्मक परिणाम थे। इस ट्रायल में रिब्रेकेबटाजीन ऑटोल्यूसेल (DRL-1801) का उपयोग किया गया, जो भारत में CAR-T सेल थेरेपी का उपयोग कर मल्टीपल मायलोमा, एक प्रकार का रक्त कैंसर, के उपचार में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है।
इस ट्रायल में एक महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रोफ़ाइल भी सामने आई, जिसमें गंभीर दुष्प्रभाव, जैसे कि साइटोकाइन रिलीज सिंड्रोम (CRS) या न्यूरोटॉक्सिसिटी नहीं देखी गई। फेज 1 के इन परिणामों के आधार पर, भारत के औषधि नियंत्रक (DCGI) ने फेज 2 के परीक्षण की अनुमति दे दी है।
SWASTH अध्ययन में, सभी आठ प्रतिभागियों ने इस उपचार का सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, जिनमें से 62.5 प्रतिशत ने पूरी तरह से प्रतिक्रिया प्राप्त की। इन मरीज़ों ने औसतन 5.5 बार पहले इलाज करवाए थे, जिनमें ट्रांसप्लांट भी शामिल हैं।
औरिजीन ऑन्कोलॉजी के सीईओ, मुरली रामचंद्र ने कहा कि यह दवा भारतीय मायलोमा मरीज़ों के लिए क्रांतिकारी साबित हो सकती है। रिब्रेकेबटाजीन ऑटोल्यूसेल एक लक्षित एंटीबॉडी और लेंटिवायरस का उपयोग करता है जो कैंसर कोशिकाओं पर हमला करता है और इसे औरिजीन के बैंगलोर स्थित कारखाने में निर्मित किया जाता है। 2002 में स्थापित, औरिजीन का मुख्य ध्यान कैंसर उपचारों पर है और इसके विकास पाइपलाइन में 10 दवाएं शामिल हैं।
एनएसई पर डॉ. रेड्डीज़ के शेयर लगभग 6,707 रुपये पर थे, जो पिछले बंद से 1 प्रतिशत अधिक थे। इस साल की शुरुआत से अब तक कंपनी के शेयरों में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।