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Wednesday, November 13, 2024
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फिनोवा कैपिटल ने जुटाए 1120 करोड़ रुपये, क्या यह ‘फाइनेंसियल इंक्लूजन’ का दावा हकीकत या सिर्फ मुनाफे का खेल?

भारत में छोटे और मझौले उद्योगों (MSME) पर केंद्रित नॉन-बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनी (NBFC) फिनोवा कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड (FCPL) ने सीरीज E फंडिंग राउंड में 135 मिलियन डॉलर (लगभग 1,120 करोड़ रुपये) जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व अवतार वेंचर पार्टनर्स, बेल्जियम की निवेश कंपनी सोफिना और मैडिसन इंडिया कैपिटल ने किया। 29 अक्टूबर को कंपनी के बयान के अनुसार, फिनोवा कैपिटल वर्तमान में अवतार वेंचर, मैडिसन इंडिया कैपिटल और सोफिना से लगभग 800 करोड़ रुपये जुटाने की बातचीत कर रही है। इस डील में सेकेंडरी ट्रांजैक्शन का एक हिस्सा भी शामिल है, जिसमें कुछ पुराने निवेशकों को आंशिक एग्जिट का मौका मिला। उल्लेखनीय है कि अवतार का यह पहला निवेश भारतीय वित्तीय सेवा क्षेत्र में है। जयपुर स्थित यह कंपनी इस फंड का उपयोग अपने ऋण बुक को बढ़ाने, तकनीकी निवेश और भौगोलिक विस्तार में करेगी।

फिनोवा का परिचय

फिनोवा की स्थापना 2015 में बैंकर से उद्यमी बने मोहित सहनी और उनकी पत्नी सुनीता ने की थी। यह कंपनी मुख्य रूप से MSME ऋण (अचल संपत्ति द्वारा सुरक्षित) और होम लोन देने का कार्य करती है, जिसका मुख्य फोकस अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों पर है। फिनोवा के पोर्टफोलियो का लगभग 91 प्रतिशत हिस्सा अर्ध-शहरी क्षेत्रों में केंद्रित है। कंपनी का कहना है कि उनके ग्राहक वे हैं जो या तो पारंपरिक आय दस्तावेज़ (जैसे आयकर रिटर्न या वेतन पर्ची) नहीं रखते या फिर बड़े मॉर्गेज संस्थानों द्वारा वित्तीय रूप से बहिष्कृत हैं। फिनोवा इन-हाउस तकनीकी ढांचे का उपयोग करके माइक्रो-उद्यमियों और अर्ध-कुशल पेशेवरों को ऋण देती है, जिन्हें औपचारिक वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त करने में कठिनाई होती है। FCPL ने ऐसी व्यापार मॉडल अपनाई है जिसमें क्रेडिट आकलन उधारकर्ता की नकद प्रवाह विश्लेषण पर आधारित है, न कि क्रेडिट इतिहास पर।

कंपनी का प्रदर्शन और रणनीति

फिनोवा का दावा है कि उसने स्थापना के पहले साल से ही लाभ कमाया है। कंपनी का औसत टिकट आकार लगभग 3.6 लाख रुपये का है, और यह मुख्य रूप से स्वरोजगार वाले ग्राहकों को ध्यान में रखती है। फिनोवा ने अब तक 3,743 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए हैं, जिसमें से लगभग 73 प्रतिशत वितरित पिछले दो-ढाई वर्षों में हुआ है। FY23 के मुकाबले FY24 में इसके वितरण में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे इसके नेट इंटरेस्ट मार्जिन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है, जो 30 जून, 2024 तक 15.13 प्रतिशत तक पहुंच गया।

संस्थापक और एमडी मोहित सहनी ने कहा, “हम अपने नए निवेशकों का स्वागत करते हैं और अपने मौजूदा निवेशकों – पीक XV पार्टनर्स, फेयरिंग कैपिटल, नॉरवेस्ट वेंचर पार्टनर्स और मज इन्वेस्ट का समर्थन के लिए सराहना करते हैं। उनके विश्वास ने हमें भारत के कोने-कोने में वित्तीय समावेशन और उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है।”

तीव्र विस्तार और नया रुख

फिनोवा ने पिछले साल से कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश जैसे नए राज्यों में विस्तार किया है और अब यह 14 राज्यों में 300 से अधिक शाखाओं के नेटवर्क के साथ काम कर रही है। फिनोवा का कहना है कि उसने अपने कलेक्शन को प्रभावी रूप से संभाला है, जिससे डिफॉल्ट्स को एनपीए (गैर-प्रदर्शनकारी आस्तियां) बनने से रोका जा सके और 31 मार्च तक उसके 95.03 प्रतिशत ऋण समय पर चुकाए गए हैं।

सवाल यह है कि “क्या यह असल में ‘फाइनेंसियल इंक्लूजन’ का प्रयास है या केवल एक बड़ा मुनाफा कमाने का तरीका?” जहां फिनोवा जैसे संस्थान बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं, वहां छोटे व्यवसायी अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि इन भारी-भरकम फंड्स का असली मकसद आम जनता के लिए समर्पित कम और अपने निवेशकों को अधिक लाभ पहुंचाना है?

इस निवेश का प्रभाव और जोखिम

हालांकि फिनोवा ने वित्तीय रूप से उच्च जोखिम वाले MSME क्षेत्र में अपने कलेक्शंस को प्रभावी ढंग से संभाला है, लेकिन उनकी प्रगति की असली परीक्षा तब होगी जब वे अपने मुनाफे के साथ असल में वित्तीय समावेशन के अपने वादों पर खरा उतरें।

Kavita Mishra
Kavita Mishrahttps://hindi.inventiva.co.in/
Kavita is a versatile content writer with a deep passion for news. Based in New Delhi, she has a keen interest in exploring the latest trends in the world of current affairs and delivering engaging content to her audience. Kavita has extensive experience working with Inventiva, where she honed her skills in content creation and developed a strong foundation in delivering high-quality, informative articles.
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